व्यापार: एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से अधिक हुआ

एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से अधिक हुआ
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान में उसका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 16 प्रतिशत योगदान है। साथ ही, बैंक ने बताया कि सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब बैंक की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

नई दिल्ली, 1 जुलाई (आईएएनएस)। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार को कहा कि वर्तमान में उसका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 प्रतिशत और भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 16 प्रतिशत योगदान है। साथ ही, बैंक ने बताया कि सभी सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के कार्यान्वयन में अब बैंक की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

बैंक ने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) में एसबीआई ने 15 करोड़ खाते खोले हैं, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 14.6 करोड़ लोगों का पंजीकरण किया है। वहीं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत 6.7 करोड़ और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में 1.73 करोड़ लोगों को नामांकित किया है।

एसबीआई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में बैंक का सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के लाभ में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। वहीं, कॉर्पोरेट आयकर (वित्त वर्ष 2026) में 2.53 प्रतिशत का योगदान था।

बैंक ने कहा कि अगर एसबीआई देश होता तो 52 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के साथ अमेरिका की आबादी से भी बड़ा और पृथ्वी पर तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होता। वहीं, एसबीआई की बैलेंस शीट का आकार 175 देशों की जीडीपी से भी अधिक है।

देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थान की बैलेंस शीट अपने संचालन के 70वें वर्ष में 66 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।

बैंक के अनुसार, एसबीआई योनो ऐप पर ग्राहकों के पंजीकरण की संख्या 8.8 करोड़ तक पहुंच गई है और यह संख्या बढ़ती जा रही है।

एसबीआई के 70 साल पूरा होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंक को बधाई देते हुए कहा, "23,000 से अधिक ब्रांच, 78,000 कस्टमर सर्विस पॉइंट्स (सीएसपी) और 64,000 एटीएम के साथ आज एसबीआई की स्थिति बहुत अच्छी है और यह वास्तव में हर भारतीय का बैंक है।"

वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले दशक में बैंक द्वारा डिजिटल परिवर्तन ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद रहा है। बैंक ने 1.5 करोड़ किसानों, महिलाओं द्वारा संचालित 1.3 करोड़ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), पीएम स्वनिधि योजना के तहत 32 लाख स्ट्रीट वेंडर्स, 23 लाख एमएसएमई और विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों कारीगरों को सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बैंक के पास 15 करोड़ से अधिक जन धन खाते, 14.65 करोड़ पीएम सुरक्षा बीमा योजना, 1.73 करोड़ अटल पेंशन योजना और 7 करोड़ पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के लाभार्थी हैं।"

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Created On :   1 July 2025 5:32 PM IST

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