राष्ट्रीय: तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने पूर्व सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर जताया दुख

तमिलनाडु  सीएम स्टालिन ने पूर्व सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर जताया दुख
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूर्व सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सुधाकर रेड्डी का जाना एक बड़ी क्षति है।

चेन्नई, 23 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूर्व सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि सुधाकर रेड्डी का जाना एक बड़ी क्षति है।

एमके स्टालिन ने कहा कि सुधाकर रेड्डी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र नेता के रूप में की थी और बाद में संसद सदस्य और भाकपा के राष्ट्रीय नेता के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उन्होंने बताया कि सुधाकर रेड्डी ने हमेशा मजदूरों, किसानों और समाज के हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी।

सीएम ने कहा, "मैंने तमिलनाडु में उनकी कई यात्राओं में उनके साथ समय बिताया है। इनमें गठबंधन की बातचीत और थलाइवर कलैगनार की स्मृति समारोह जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल थीं। इन मौकों पर मैंने उनकी गर्मजोशी और स्पष्ट विचारों को देखा है।"

एमके स्टालिन ने आगे कहा कि सुधाकर रेड्डी का जीवन न्याय और सम्मान के लिए संघर्ष की प्रेरणा बना रहेगा। उन्होंने उनके परिवार, सहयोगियों और साथियों के प्रति संवेदनाएं भी प्रकट कीं।

सुरवरम सुधाकर रेड्डी एक सशक्त छात्र नेता, संसद सदस्य और पार्टी कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया, और उनकी नीतियां और कार्य लोगों के दिलों में आज भी जीवित हैं।

उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में शोक की लहर है। तमिलनाडु सहित पूरे देश के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद करते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की है।

सीपीआई नेता सुरवरम सुधाकर रेड्डी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र आंदोलन से की और बाद में संसद सदस्य और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय नेता बने। सुधाकर रेड्डी ने मजदूरों, किसानों और हाशिए पर पड़े समाज के कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए पूरी जिंदगी समर्पित की। उनके नेतृत्व में कई सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों को बल मिला। वे अपने स्पष्ट विचारों और संघर्षशील व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे।

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Created On :   23 Aug 2025 12:46 PM IST

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