विज्ञान/प्रौद्योगिकी: ‘गाजर का हलवा, आम का रस...’, इन चीजों को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुए शुभांशु शुक्ला

‘गाजर का हलवा, आम का रस...’, इन चीजों को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुए शुभांशु शुक्ला
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने की कगार पर हैं। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जा रहे हैं और अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम का रस ले जा रहे हैं, ताकि अंतरिक्ष में घर के खाने की क्रेविंग को शांत कर सकें और अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इसे बांट सकें।

नई दिल्ली, 25 जून (आईएएनएस)। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने की कगार पर हैं। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर जा रहे हैं और अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम का रस ले जा रहे हैं, ताकि अंतरिक्ष में घर के खाने की क्रेविंग को शांत कर सकें और अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ इसे बांट सकें।

शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं और वह आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे।

स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से उनकी यात्रा भारत का पहला निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है, जो सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में वैज्ञानिक अनुसंधान पर केंद्रित है।

आमतौर पर अंतरिक्ष यात्रियों को हल्का सामान ले जाने की सलाह दी जाती है, लेकिन शुक्ला कुछ स्वादिष्ट भारतीय मिठाइयां अपने साथ लेकर जा रहे हैं।

उन्होंने बुधवार को एक्सिओम-4 मिशन के रवाना होने से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अंतरिक्ष में खाने की बहुत सारी चीजें होंगी, लेकिन मैं अपने साथ आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल हलवा ले जा रहा हूं, ताकि इसे आईएसएस पर साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बांट सकूं।"

शुक्ला अपने मेंटर राकेश शर्मा के लिए एक गुप्त स्मृति चिन्ह भी ले जा रहे हैं, जो उनके मिशन की तैयारी में मार्गदर्शन करने वाले व्यक्ति के प्रति आभार व्यक्त करता है।

उनके अनुसार, "यह मेरी यात्रा की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।"

लखनऊ में जन्मे शुक्ला ने कहा, "नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों। क्या शानदार यात्रा है। 40 साल बाद हम एक बार फिर अंतरिक्ष में पहुंचे हैं और यह एक अद्भुत सवारी थी। मेरे कंधों पर तिरंगा है, जो मुझे बता रहा है कि मैं अकेला नहीं हूं और आप सभी मेरे साथ हैं।"

आईएसएस पर डॉकिंग का लक्ष्य 26 जून को दोपहर लगभग 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) है। वहां चालक दल 14 दिनों तक रहेगा।

पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम-4 मिशन स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पेगी व्हिटसन इस व्यावसायिक मिशन की कमांडर हैं, जबकि शुक्ला पायलट की भूमिका में हैं।

डॉकिंग के बाद निजी अंतरिक्ष यात्री विज्ञान, जागरूकता और व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित एक व्यापक मिशन को अंजाम देंगे।

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Created On :   25 Jun 2025 5:33 PM IST

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