माओवाद अपने अंत के करीब प्रधानमंत्री मोदी

गोवा, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली समारोह के दौरान आईएनएस विक्रांत पर घोषणा की कि भारत दशकों से चले आ रहे माओवादी विद्रोह के अंतिम चरण का गवाह बन रहा है।
उनकी टिप्पणी सुरक्षा बलों के प्रति व्यापक श्रद्धांजलि का हिस्सा थी, जिन्हें उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद के बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने का श्रेय दिया।
गोवा में आईएनएस विक्रांत से जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश माओवाद के खात्मे की ओर बढ़ रहा है। अब केवल तीन जिले ही बचे हैं जहां माओवाद अभी भी मौजूद है और वे भी जल्द ही मुक्त हो जाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले 125 जिले गंभीर रूप से प्रभावित थे। अब 100 से अधिक जिले राहत की सांस ले सकते हैं और शांति से दिवाली मना सकते हैं। यह हमारे पुलिस बलों के पराक्रम से संभव हुआ है।
उन्होंने सरकार की बहुआयामी रणनीति पर जोर दिया, जिसमें विकास, बुनियादी ढांचे का विस्तार और लक्षित सुरक्षा अभियान शामिल हैं। सरकार की ये रणनीति माओवादी प्रभाव को कमजोर करने में सहायक है, विशेष रूप से आदिवासी और वन क्षेत्रों में।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण में सैन्य गौरव को नक्सल मुक्त राष्ट्र के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया तथा सुरक्षा और विकास के दोहरे दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, 124 जिले नक्सलवाद से बुरी तरह प्रभावित थे। अक्टूबर 2025 तक, केवल 11 जिले ही बचे रहेंगे, जिनमें से तीन को उच्च जोखिम वाला माना जाएगा। हमारे पुलिस बलों के साहस की बदौलत अब 100 से ज्यादा जिले राहत की सांस ले सकते हैं और शांति से दिवाली मना सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि लाल गलियारा अब हरित विकास क्षेत्रों में परिवर्तित हो रहा है। उन्होंने उन क्षेत्रों का हवाला दिया जो कभी हिंसा से ग्रस्त थे।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान भारत की आंतरिक सुरक्षा में व्यापक बदलाव का संकेत देते हैं। केंद्रीय और राज्य बलों के बीच समन्वित प्रयासों, बुनियादी ढाँचे के विकास और सामुदायिक सहभागिता के कारण माओवादी गतिविधियों में लगातार गिरावट आई है।
उनके भाषण ने मनोबल बढ़ाने का भी काम किया और अपने सुरक्षाकर्मियों के कल्याण के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता और प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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Created On :   20 Oct 2025 3:30 PM IST