मनोरंजन: हमारे सिनेमा में साहित्य से जुड़ाव की कमी है गोपाल दत्त
मुंबई, 5 फरवरी (आईएएनएस)। हरिशंकर परसाई की क्लासिक कहानी 'एक फिल्म कथा' सुनाने वाले एक्टर गोपाल दत्त ने कहा है कि हमारे सिनेमा में अभी साहित्य से जुड़ाव की कमी है और उस छूटी हुई कड़ी को ढूंढना बहुत जरूरी है।
गोपाल दत्त 'मुझे कुछ कहना है', 'तेरे नाम', 'सम्राट एंड कंपनी' और 'फिल्मिस्तान' जैसी फिल्मों में अपने काम के लिए जाने जाते हैं। वह हाल ही में थिएटर से दोबारा जुड़े और सीमा पाहवा निर्देशित फिल्म 'कोई बात चले' में अभिनय किया।
जी थिएटर द्वारा निर्मित इस साहित्यिक संकलन में प्रतिष्ठित लेखकों की छह कहानियां प्रदर्शित की गईं और गोपाल ने 'एक फिल्म कथा' सुनाई।
एक्टर का मानना है कि फिल्म निर्माताओं की युवा पीढ़ी को हरिशंकर परसाई जैसे प्रतिष्ठित लेखकों के कार्यों से जुड़ाव बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ''अभी हमारे सिनेमा में जिस चीज की कमी है, वह है साहित्य से जुड़ाव। पुरानी फिल्मों में वह जुड़ाव था, लेकिन अब खत्म हो गया है। युवा पीढ़ी को भारतीय साहित्य के महान लेखकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उस मिसिंग लिंक, उस मिसिंग कनेक्शन को ढूंढना बहुत महत्वपूर्ण है।''
गोपाल ने बताया कि 'कोई बात चले' सआदत हसन मंटो, मुंशी प्रेमचंद और परसाई जैसे महान लेखकों की कहानियों को फिर से दिखाने का एक बहुत अच्छा प्रयास है।
उन्होंने कहा, "उन्हें पढ़ने से लोगों को भारत के अनगिनत साहित्यिक खजाने को फिर से खोजने में मदद मिलेगी।"
इस संकलन का अब कन्नड़ और तेलुगु में अनुवाद किया गया है।
गोपाल ने आगे बताया कि 'एक फिल्म कथा' दर्शकों को पसंद आएगी क्योंकि यह लोकलुभावन सिनेमा को बयां करती है, जिसमें एक बहादुर हीरो, मुश्किलों में फंसी हीरोइन और घिसे-पिटे खलनायक के साथ एक के बाद एक प्लॉट पेश किया जाता है।
उनका दृढ़ विश्वास है कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के दर्शक 'एक फिल्म कथा' से जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा, ''हम जानते हैं कि बॉलीवुड फिल्मों का साउथ लैंग्वेज में रीमेक बनाने का ट्रेंड है और इसके विपरीत भी। कुल मिलाकर भारतीय सिनेमा हर जगह एक जैसा है। कई टिपिकल मसाला फिल्मों को बेसिक प्लॉट में कई बदलाव किए बिना रिजनल लैंग्वेज में बनाया गया है। हर जगह ऐसा ही है। वे इससे 100 प्रतिशत संबंधित होंगे।''
गोपाल राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पूर्व छात्र हैं, और उन्होंने 1999 में स्टेज पर अपनी कलात्मक यात्रा शुरू की और थिएटर आइकन बी.वी. कारंत की प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए।
टेलीप्ले को 11 फरवरी से डिश टीवी रंगमंच एक्टिव, डी2एच रंगमंच एक्टिव और एयरटेल स्पॉटलाइट पर देखा जा सकता है।
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Created On :   6 Feb 2024 2:54 PM IST