राष्ट्रीय: सरकार भारत-म्यांमार सीमा के पूरे 1,643 किमी लंबे हिस्से पर बाड़ का निर्माण कराएगी

सरकार भारत-म्यांमार सीमा के पूरे 1,643 किमी लंबे हिस्से पर बाड़ का निर्माण कराएगी
भारत सरकार भारत-म्यांमार सीमा की पूरी 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ का निर्माण कराएगी।

नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)। भारत सरकार भारत-म्यांमार सीमा की पूरी 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ का निर्माण कराएगी।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा, "पूरी 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ बनाने का निर्णय लिया गया है। बेहतर निगरानी की सुविधा के लिए सीमा पर एक गश्ती ट्रैक भी बनाया जाएगा।"

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अभेद्य सीमाएं बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्‍होंने कहा, “सीमा की कुल लंबाई में से मोरेह, मणिपुर में 10 किमी की दूरी पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है। इसके अलावा, हाइब्रिड सर्विलांस सिस्टम (एचएसएस) के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। वे अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में प्रत्येक 1 किमी की दूरी पर बाड़ लगाएंगे। इसके अलावा, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर तक बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है, जिसका काम जल्द ही शुरू होगा।”

सरकार ने भारत के सीमावर्ती गांवों के लिए 'वाइब्रेंट विलेज' कार्यक्रम भी शुरू किया है। एक अधिकारी ने कहा, पहले सीमावर्ती इलाकों में स्थित गांवों को देश का आखिरी गांव माना जाता था, लेकिन अब यह धारणा बदल गई है।

अब भारत सरकार की नीति के मुताबिक ये गांव सीमा के पास के आखिरी गांव नहीं, बल्कि पहले गांव हैं।

प्रधानमंत्री मोदी पहले ही कह चुके हैं कि जब सूरज पूर्व में उगता है तो उसकी पहली किरण सीमावर्ती गांव को छूती है और जब सूरज डूबता है तो उसकी आखिरी किरण का लाभ इस तरफ के गांव को मिलता है।

नवीनतम कदम को अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम तक फैली 1,643 किमी लंबी बिना बाड़ वाली भारत-म्यांमार सीमा की संवेदनशीलता और खतरों को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जाता है।

वास्तव में, मणिपुर में 10 किलोमीटर की दूरी के अलावा, पहाड़ियों और जंगलों जैसे कठिन इलाकों से होकर गुजरने वाली भारत-म्यांमार सीमा बिना बाड़ वाली है। भारतीय सुरक्षा बलों को म्यांमार के चिन और सागांग क्षेत्रों में अपने छिपे हुए ठिकानों से चरमपंथी समूहों द्वारा हिट-एंड-रन ऑपरेशन चलाने से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में कठिन समय का सामना करना पड़ता है।

म्यांमार की सीमा से नशीली दवाओं की आंतरिक तस्करी और वन्यजीवों के शरीर के अंगों की बाहरी तस्करी भी भारत के लिए प्रमुख चिंताओं में से एक रही है।

बाड़ लगाने के निर्णय का कारण 3 मई, 2023 को मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी-ज़ो समुदायों के बीच हुआ संघर्ष भी है।

इसके अलावा, पिछले एक दशक से मणिपुर सरकार म्यांमार के नागरिकों की "आमद" पर चिंता व्यक्त करती रही है। मणिपुर में हिंसा के बीच कुछ सौ म्यांमार नागरिकों को गृहयुद्ध से बचने के लिए राज्य में शरण लेते हुए पाया गया।

सितंबर 2023 में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भारत में म्यांमार के नागरिकों की मुक्त आवाजाही पर जातीय हिंसा को जिम्मेदार ठहराया था और गृह मंत्रालय से फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को समाप्त करने का आग्रह किया था, जिसे 1 अप्रैल, 2020 को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान निलंबित कर दिया गया था।

फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद निलंबन बढ़ा दिया गया था।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 Feb 2024 9:59 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story