व्यापार: जीएसटी सुधार टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकते हैं, भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा बीएमआई

जीएसटी सुधार टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकते हैं, भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा  बीएमआई
फिच सॉल्यूशंस की सहायक कंपनी बीएमआई ने गुरुवार को कहा कि आगामी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार, जिनका उद्देश्य दरों में कटौती और निजी खपत को बढ़ावा देना है, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकते हैं। साथ ही, कंपनी ने यह भी कहा कि भारत इस दशक में एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। फिच सॉल्यूशंस की सहायक कंपनी बीएमआई ने गुरुवार को कहा कि आगामी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार, जिनका उद्देश्य दरों में कटौती और निजी खपत को बढ़ावा देना है, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकते हैं। साथ ही, कंपनी ने यह भी कहा कि भारत इस दशक में एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।

बीएमआई के नोट के अनुसार, भारत की जीडीपी 6 प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है, भले ही अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ कुछ उद्योगों को प्रभावित कर रहे हों।

बीएमआई ने कहा, "हमारा अनुमान है कि दशक के अंत तक भारत की आर्थिक वृद्धि दर धीरे-धीरे धीमी होकर 6.0 प्रतिशत से थोड़ी अधिक हो जाएगी, जो 2010-2019 के महामारी-पूर्व औसत 6.5 प्रतिशत से थोड़ा कम है, फिर भी भारत एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आने वाले दशक में उत्पादकता में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जिससे जीडीपी वृद्धि को पर्याप्त गति मिलेगी।

रिपोर्ट के अनुसार "हमने पहले अनुमान लगाया था कि 'रेसिप्रोकल' टैरिफ में 25 प्रतिशत की वृद्धि वित्त वर्ष 2025/26 (अप्रैल-मार्च) और वित्त वर्ष 2026/27 में रियल जीडीपी वृद्धि को 0.2 प्रतिशत और धीमा कर देगी। इसलिए, हमने अपने पूर्वानुमानों को तदनुसार संशोधित किया है और अब उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025/26 में अर्थव्यवस्था 5.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026/27 में 5.4 प्रतिशत बढ़ेगी।"

जीएसटी सुधारों पर बीएमआई ने कहा, "विशिष्टताओं के आधार पर, 'जीएसटी सुधार' टैरिफ से विकास पर पड़ने वाले दबाव को कम कर सकता है। क्योंकि डिटेल्स की अभी पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम जीएसटी सुधार को फिलहाल हमारे विकास पूर्वानुमान के लिए एक मामूली वृद्धि जोखिम के रूप में देखते हैं।"

दो-स्लैब टैक्स स्ट्रक्चर के आगामी जीएसटी स्लैब रेशनलाइजेशन से ऑटोमोबाइल, फाइनेंशियल सर्विस, सीमेंट और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में खपत बढ़ने और लाभप्रदता में सुधार होने की उम्मीद है।

एसबीआई रिसर्च की एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी सुधारों और हाल ही में आयकर में की गई कटौती से उपभोग में 5.31 लाख करोड़ रुपए की वृद्धि हो सकती है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 1.6 प्रतिशत के बराबर है।

फिच रेटिंग्स ने भी भारत की रेटिंग को स्टेबल आउटलुक के साथ 'बीबीबी' पर बरकरार रखा है और अनुमान लगाया है कि अमेरिकी टैरिफ का विकास पर सीमित प्रभाव पड़ेगा।

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Created On :   28 Aug 2025 1:06 PM IST

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