गुजरात में 2025 के आखिरी सुपरमून को लेकर विशेष तैयारी, प्रदेशभर में कार्यक्रम

गुजरात में 2025 के आखिरी सुपरमून को लेकर विशेष तैयारी, प्रदेशभर में कार्यक्रम
गुजरात में 2025 के 4 दिसंबर को दिखने वाले आखिरी सुपरमून को लेकर विशेष तैयारी चल रही है। इस खास खगोलीय घटना को लोगों तक पहुंचाने और छात्रों, शिक्षकों व आम जनता में उत्सुकता बढ़ाने के लिए गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है।

गांधीनगर, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात में 2025 के 4 दिसंबर को दिखने वाले आखिरी सुपरमून को लेकर विशेष तैयारी चल रही है। इस खास खगोलीय घटना को लोगों तक पहुंचाने और छात्रों, शिक्षकों व आम जनता में उत्सुकता बढ़ाने के लिए गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है।

सुपरमून तब होता है जब चांद अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचता है, जिसे पेरिगी कहते हैं, जिससे यह आम पूर्णिमा के चांद से बड़ा और ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। यह कुदरती अजूबा न सिर्फ रात के आसमान की खूबसूरती बढ़ाता है, बल्कि हमारे आसमानी इलाके के तालमेल, गति और सटीकता की एक जबरदस्त याद भी दिलाता है।

सुपरमून जैसी आसमानी घटनाएं लोगों को खासकर, युवा स्टूडेंट्स को स्पेस साइंस के अजूबों से जोड़ने का एक बड़ा मौका देती हैं।

गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एडवाइजर डॉ. नरोत्तम साहू ने बताया, “सुपरमून सिर्फ देखने में रोमांचक नहीं होने वाला है बल्कि यह आसमान में एक खुला क्लासरूम है। इसे देखकर, युवा दिमागों को सवाल पूछने, खोजबीन के सपने देखने और समझने का मौका मिलेगा।"

भावनगर, भुज, पाटन और राजकोट के सभी रीजनल साइंस सेंटर, जिला साइंस सेंटर के साथ मिलकर टेलिस्कोप से चांद देखने की सुविधा देंगे। यहां ट्रेंड टीचर बच्चों और लोगों को गाइड करते हुए सुपरमून दिखाएंगे।

खगोल विज्ञान के विशेषज्ञ चांद के अलग-अलग रूप, उसकी गति और सुपरमून क्यों होता है, इन सब बातों को सरल और दिलचस्प तरीके से समझाएंगे।

बच्चों और परिवारों के लिए इंटरैक्टिव सेशन, चांद के गड्ढों (लूनर क्रेटर) के मॉडल और स्पेस से जुड़ी खास प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यहां बच्चे खुद प्रयोग करके सीख सकेंगे।

गुजरात भर के आसमान के शौकीन कुछ सेंटर्स से एक साथ ऑनलाइन ब्रॉडकास्ट के जरिए इस अनुभव में शामिल हो सकते हैं। शौकिया एस्ट्रोनॉमर्स और युवा फोटोग्राफरों के पास सुपरमून को कैप्चर करने के लिए खास जगहें होंगी।

यह पूरे राज्य में होने वाली पहल है, जो बच्चों और लोगों को विज्ञान सीखने, इसमें रुचि लेने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने में मदद करेगी। इसे गुजरात काउंसिल ऑन साइंस एंड टेक्नोलॉजी की प्रतिबद्धता के तहत आयोजित किया जा रहा है।

इस इवेंट में सैकड़ों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। साल का आखिरी सुपरमून देखने का यह मौका जिज्ञासा, खोज और आश्चर्य के साथ मनाया जाएगा।

2025 के आखिरी सुपरमून को देखने से दिमाग को नई जानकारी मिलेगी, दिलों में प्रेरणा आएगी और ब्रह्मांड में हमारी यात्रा की शुरुआत होगी।

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Created On :   3 Dec 2025 11:51 PM IST

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