होंडुरास के नए राष्ट्रपति बने नासरी असफुरा, डोनाल्ड ट्रंप ने किया था समर्थन

होंडुरास के नए राष्ट्रपति बने नासरी असफुरा, डोनाल्ड ट्रंप ने किया था समर्थन
होंडुरास में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थित उम्मीदवार नासरी असफुरा को आम चुनाव में जीत मिली है। होंडुरास में 30 नवंबर को आम चुनाव हुआ था। नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) ने कहा कि नेशनल पार्टी के उम्मीदवार नासरी असफुरा को देश का संवैधानिक राष्ट्रपति चुना गया।

तेगुसिगाल्पा, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। होंडुरास में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थित उम्मीदवार नासरी असफुरा को आम चुनाव में जीत मिली है। होंडुरास में 30 नवंबर को आम चुनाव हुआ था। नेशनल इलेक्टोरल काउंसिल (सीएनई) ने कहा कि नेशनल पार्टी के उम्मीदवार नासरी असफुरा को देश का संवैधानिक राष्ट्रपति चुना गया।

सीएनई के आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक, असफुरा को 40.27 फीसदी वोट मिले। वहीं, लिबरल पार्टी के उम्मीदवार सल्वाडोर नसरल्ला को 39.53 फीसदी वोट मिले और सत्ताधारी लिबर्टी एंड रिफाउंडेशन पार्टी के रिक्सी मोनकाडा को 19.19 फीसदी वोट मिले।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पहले संबंधित अधिकारियों ने वोट काउंटिंग सिस्टम में खराबी का दावा किया था। इसके अलावा, कई नेताओं ने गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए दावा किया था कि ये चुनावी धोखाधड़ी हो सकती है। ऐसे में सीएनई ने रिजल्ट की घोषणा चुनाव के 24 दिनों बाद की।

चुनाव के पहले से ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने असफुरा का समर्थन किया था और सुझाव दिया था कि अगर असफुरा नहीं जीतते हैं तो होंडुरास को अमेरिका की मदद रोकी जा सकती है।

9 दिसंबर को, होंडुरास की राष्ट्रपति शियोमारा कास्त्रो ने देश के चुनावों में बाहरी हस्तक्षेप की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि चुनावी प्रक्रिया धमकियों, दबाव और छेड़छाड़ से भरा हुआ था। ट्रंप की ओर इशारा करते हुए शियोमारा ने कहा था कि ये होंडुरास की संप्रभुता और लोकतांत्रिक नियमों को कमजोर करते हैं।

इससे पहले, होंडुरास के पूर्व राष्ट्रपति मैनुअल जेलया ने भी ट्रंप पर होंडुरास के राष्ट्रपति चुनाव में विदेशी दखल का आरोप लगाया था। जेलया सत्ताधारी लिबर्टी एंड रिफाउंडेशन पार्टी (लिबरे) के जनरल सहयोजक हैं। उन्होंने होंडुरास के पूर्व राष्ट्रपति जुआन ऑरलैंडो हर्नांडेज की अमेरिकी जेल से जल्दी रिहाई पर सवाल उठाया। हर्नांडेज को ड्रग ट्रैफिकिंग के लिए 45 साल की सजा सुनाई गई, लेकिन उन्होंने सिर्फ दो साल की सजा काटी थी।

राष्ट्रीय चुनाव परिषद के शुरुआती नतीजों के मुताबिक, चुनाव में दो राइट-ऑफ-सेंटर उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। नेशनल पार्टी के नासरी असफुरा और लिबरल पार्टी के सल्वाडोर नसरल्ला के बीच रेस थी। जेलाया ने आरोप लगाया था कि ट्रंप के कामों का मकसद लोगों की राय को तोड़ना-मरोड़ना था।

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Created On :   25 Dec 2025 3:44 PM IST

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