नेपाल–भारत कृषि सहयोग को मिलेगा नया विस्तार, तीन महीने में बनेगा द्विवार्षिक कार्ययोजना

नेपाल–भारत कृषि सहयोग को मिलेगा नया विस्तार, तीन महीने में बनेगा द्विवार्षिक कार्ययोजना
नेपाल और भारत ने कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने अगले तीन महीनों के भीतर एक द्विवार्षिक (दो वर्षीय) कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि कृषि सहयोग से जुड़े समझौतों को ठोस परिणामों में बदला जा सके। यह जानकारी नेपाल के कृषि एवं पशुपालन विकास मंत्रालय ने सोमवार को दी।

काठमांडू, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। नेपाल और भारत ने कृषि क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। दोनों देशों ने अगले तीन महीनों के भीतर एक द्विवार्षिक (दो वर्षीय) कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि कृषि सहयोग से जुड़े समझौतों को ठोस परिणामों में बदला जा सके। यह जानकारी नेपाल के कृषि एवं पशुपालन विकास मंत्रालय ने सोमवार को दी।

काठमांडू में रविवार और सोमवार को आयोजित नेपाल–भारत संयुक्त कृषि कार्य समूह की नौवीं बैठक में यह सहमति बनी। बैठक में कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी निर्णय लिया गया। इसके तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और नेपाल कृषि अनुसंधान परिषद के बीच अलग-अलग कार्ययोजनाएं तैयार की जाएंगी।

दोनों देशों ने पशुपालन, पोल्ट्री और मत्स्य पालन क्षेत्रों में भी एक अलग समझौता ज्ञापन के तहत सहयोग को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। इसके अलावा, रासायनिक उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लॉजिस्टिक प्रक्रियाओं में सुधार, कृषि अवसंरचना विकास में सहयोग बढ़ाने और खाद्य गुणवत्ता व क्वारंटीन से जुड़े तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए संबंधित एजेंसियों के बीच नियमित संवाद बनाए रखने पर भी सहमति बनी।

भारतीय पक्ष ने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप नेपाल के साथ कृषि अनुसंधान, तकनीक हस्तांतरण और अवसंरचना विकास में सहयोग विस्तार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

बैठक में द्विपक्षीय सहयोग की उपलब्धियों की समीक्षा करते हुए नेपाली पक्ष ने बताया कि भारत सरकार द्वारा उपहार में दिए गए 15 उच्च गुणवत्ता वाले मुर्रा नस्ल के नर भैंसों से अब तक 92,766 सीमेन डोज का उत्पादन किया जा चुका है। यह पहल 2023 में तत्कालीन नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की नई दिल्ली यात्रा के दौरान हुए समझौते के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य नेपाल में देशी भैंस नस्लों में सुधार करना है।

नेपाली पक्ष ने इस सहयोग को पशुधन विकास और नस्ल सुधार में महत्वपूर्ण बताते हुए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।

बैठक के दौरान नेपाल ने अपने आठ श्रेणियों के कृषि उत्पादों के लिए भारत द्वारा प्रयोगशाला परीक्षण मान्यता दिए जाने की सराहना की और इस सूची के विस्तार का आग्रह किया। अप्रैल में पहली बार भारत ने नेपाल की नेशनल फूड एंड फीड रेफरेंस लैबोरेटरी द्वारा जारी परीक्षण प्रमाणपत्रों को मान्यता दी थी, जिससे नेपाल में परीक्षण किए गए चुनिंदा खाद्य उत्पादों के भारत निर्यात का रास्ता साफ हुआ।

नेपाल ने अपने कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में निर्बाध पहुंच की भी मांग की। साथ ही डिजिटल कृषि, जलवायु-सहिष्णु खेती, प्राकृतिक कृषि प्रणालियों और खाद्य सुरक्षा जैसे समकालीन विषयों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर गहन चर्चा हुई।

बैठक में यह भी तय हुआ कि संयुक्त कृषि कार्य समूह की दसवीं बैठक भारत में आयोजित की जाएगी, जिसकी तिथि दोनों देशों की आपसी सहमति से तय की जाएगी।

इस बैठक की सह-अध्यक्षता नेपाल के कृषि एवं पशुपालन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव हरि बहादुर के.सी. और भारत के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रमोद कुमार मेहरदा ने की।

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Created On :   29 Dec 2025 11:56 PM IST

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