विज्ञान/प्रौद्योगिकी: आरबीआई से राजीव आनंद को नए एमडी और सीईओ के रूप में मंजूरी के बाद इंडसइंड बैंक के शेयरों में उछाल

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा राजीव आनंद को इंडसइंड बैंक के नए प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद मंगलवार को निजी ऋणदाता के शेयरों में तेजी दर्ज की गई।
हाल ही में 2,000 करोड़ रुपए के लेखा-जोखा संबंधी चूक के बाद इंडसइंड बैंक के निवेशकों के विश्वास में कमी आई थी।
आनंद की तीन साल की नियुक्ति 24 अगस्त, 2028 तक जारी रहेगी, जिसके लिए बैंक की आगामी आम बैठक में शेयरधारकों की मंजूरी मिलनी बाकी है।
निजी ऋणदाता ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा, "इंडसइंड बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल ने राजीव आनंद को 25 अगस्त, 2025 से तीन साल के लिए बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी।"
बैंकिंग और वित्तीय उद्योग के विभिन्न पहलुओं में आनंद का 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपनी हालिया भूमिका में, राजीव एक्सिस बैंक लिमिटेड में उप प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल के अध्यक्ष सुनील मेहता ने कहा, "बोर्ड की ओर से, मैं राजीव आनंद को बैंक के एमडी और सीईओ के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई देता हूं। बोर्ड, राजीव और प्रबंधन टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है ताकि शासन के उच्चतम मानकों को प्राथमिकता देते हुए मजबूत और सुदृढ़ विकास प्रदान किया जा सके।"
उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड पूरी प्रक्रिया में दिए गए अमूल्य सहयोग के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के प्रति आभार व्यक्त करता है। बोर्ड, प्रबंधन टीम और सभी कर्मचारी राजीव का इंडसइंड परिवार में स्वागत करने और इस फ्रैंचाइजी को इसकी पूरी क्षमता तक बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि आनंद वैश्विक वित्तीय संस्थानों में विभिन्न कार्यों में काम के अनुभव का लाभ उठा सकते हैं।
इससे पहले, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के निवेशक सम्मेलन के दौरान, मेहता ने कहा था कि बैंक आंतरिक और बाह्य दोनों स्तरों पर उच्च-गुणवत्ता वाली नेतृत्व प्रतिभाओं की पहचान कर अपने वरिष्ठ प्रबंधन को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।
निवेशक एक सार्वजनिक बैंकर के एमडी पद पर आसीन होने को लेकर चिंतित थे। निवेशक अब इस पद पर एक निजी बैंकर की नियुक्ति को एक सकारात्मक कदम के रूप में देख रहे हैं।
लेखांकन संबंधी समस्याओं और माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में स्ट्रेस के कारण बैंक की बैलेंस शीट पर असर पड़ा और मुंबई स्थित इस निजी ऋणदाता ने जनवरी-मार्च तिमाही में 2,328 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा दर्ज किया।
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Created On :   5 Aug 2025 11:07 AM IST