शिक्षा: उत्तर प्रदेश बीएचयू में छात्रों की मदद करेंगे साइकोलॉजी के फेलो

उत्तर प्रदेश  बीएचयू में छात्रों की मदद करेंगे साइकोलॉजी के फेलो
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में साइकोलॉजी के 15 फेलो बतौर काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। इन सभी फेलो को मनोविज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त है। खास तौर पर वे फेलो परिवर्तन के दौर में छात्रों की मनोस्थिति का अध्ययन कर उनकी मदद करेंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय में यह कदम देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में साइकोलॉजी के 15 फेलो बतौर काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। इन सभी फेलो को मनोविज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त है। खास तौर पर वे फेलो परिवर्तन के दौर में छात्रों की मनोस्थिति का अध्ययन कर उनकी मदद करेंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय में यह कदम देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

बीएचयू के मुताबिक, छात्रों को सहयोग देने के उद्देश्य से शुरू की गई यह एक नई पहल है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थी परामर्श सुविधा की शुरुआत की है जिसके तहत छात्र-छात्राओं को अपनी क्षमताओं को पहचानने और चुनौतियों का सामना करने में मदद और मार्गदर्शन प्राप्त होगा।

बीएचयू द्वारा विभिन्न संकायों के लिए काउंसलर चयनित किये गये हैं। इससे पहले महिला महाविद्यालय में पायलट परियोजना के रूप में आरम्भ इस पहल के काफी सकारात्मक परिणाम देखने को मिले थे। अब इसे विश्वविद्यालय के स्तर पर चलाया जा रहा है।

विश्वविद्यालय के मुताबिक, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए विश्वविद्यालय द्वारा 15 डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन फेलो बतौर काउंसलर चयनित किये गये हैं। इन सभी को मनोविज्ञान का अनुभव है तथा इन्होंने इस विषय में बीएचयू से औपचारिक शिक्षा भी ग्रहण की है। ये काउंसलर रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ संपर्क और संवाद स्थापित करेंगे।

विश्वविद्यालय की प्रोफेसर निशत अफरोज़ के समन्वय में यह विद्यार्थी परामर्श सुविधा स्थापित किया गया है। प्रोफेसर अफरोज़ ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन कह प्रयास यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है कि विद्यार्थियों को अपनी आकांक्षाओं और लक्ष्यों को पूरा करने हेतु आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन प्राप्त हो।

विश्वविद्यालय द्वारा यह पहल ऐसे समय में की गई है जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को देशभर में क्रियान्वित करने की कवायद शैक्षणिक संस्थानों द्वारा की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के शारीरिक, मनोवैज्ञानिक तथा भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया गया है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   28 Aug 2024 7:17 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story