अर्थव्यवस्था: 'इलनेस टू वेलनेस' ने जागरूकता पैदा करने, हेपेटाइटिस बी रोगियों के प्रति भेदभाव समाप्त करने के लिए आईएलबीएस के साथ मिलाया हाथ

इलनेस टू वेलनेस ने जागरूकता पैदा करने, हेपेटाइटिस बी रोगियों के प्रति भेदभाव समाप्त करने के लिए आईएलबीएस के साथ मिलाया हाथ
तन और मन की विभिन्न स्थितियों के बारे में जागरूकता पैदा करने और समग्र तथा व्यापक हितधारक जुड़ाव प्रदान करने के लक्ष्य के साथ लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के सहयोग से शुरू किया गया राष्ट्रीय अभियान 'इलनेस टू वेलनेस' पहल - जिसका समग्र उद्देश्य स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना है - ने अपनी 'विनिंग ओवर मदर्स विद हेपेटाइटिस बी' (डब्ल्यूओएमबी) पहल के माध्यम से वायरल हेपेटाइटिस के मां से बच्चे में संचरण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक मिशन शुरू किया है।

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। तन और मन की विभिन्न स्थितियों के बारे में जागरूकता पैदा करने और समग्र तथा व्यापक हितधारक जुड़ाव प्रदान करने के लक्ष्य के साथ लिवर एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) के सहयोग से शुरू किया गया राष्ट्रीय अभियान 'इलनेस टू वेलनेस' पहल - जिसका समग्र उद्देश्य स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना है - ने अपनी 'विनिंग ओवर मदर्स विद हेपेटाइटिस बी' (डब्ल्यूओएमबी) पहल के माध्यम से वायरल हेपेटाइटिस के मां से बच्चे में संचरण की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक मिशन शुरू किया है।

देश में चार करोड़ से अधिक लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। अधिकांश रोगी चुपचाप इस दर्द को झेलते रहते हैं क्योंकि समाज में काफी हद तक इस बीमारी को लेकर गलत धारणाएं हैं।

हेपेटाइटिस बी के मरीजों की स्थिति और बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी को उजागर करने के लिए आईएलबीएस ने 'इलनेस टू वेलनेस' के साथ मिलकर एक जागरूकता सत्र आयोजित किया, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे कैसे भय को दूर करने, कलंक पर काबू पाने और इस बीमारी के बारे में मिथकों को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

सत्र के दौरान, आईएलबीएस के निदेशक और चांसलर डॉ. शिव के सरीन और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की पूर्व सचिव डॉ. आरती आहूजा ने हेपेटाइटिस बी रोगियों के साथ होने वाले भेदभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने टीकाकरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता और बीमारी से जुड़ी शर्मिंदगी को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों के माध्यम से सूचना प्रसार के महत्व को रेखांकित किया।

डॉ. आहूजा ने कहा कि देश में उपचार पर अधिक और निवारक पहलुओं पर कम ध्यान दिया जाता है। लोगों को बाद के चरण में उपचार के लिए डॉक्टरों पर निर्भर रहने की बजाय स्वस्थ रहने पर ध्यान देना चाहिए।

एसोचैम नेशनल सीएसआर काउंसिल के चेयरपर्सन अनिल राजपूत ने कहा, "मां से बच्चे में हेपेटाइटिस बी के संचरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इन माताओं के प्रति कलंक को खत्म करने के लिए 'विनिंग ओवर मदर्स विद हेपेटाइटिस बी' (डब्ल्यूओएमबी) पहल एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।

"यह एक ऐसी दुनिया बनाने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा देने में मदद करता है जिसमें निवारक स्वास्थ्य देखभाल जागरूकता द्वारा अधिकांश बीमारियों को या तो समाप्त किया जा सकता है या नियंत्रित किया जा सकता है। मेरा हमेशा से दृढ़ विचार रहा है कि जब जागरूकता अभियान का फोकस सामूहिक तालमेल पर होता है, तो वे हमेशा उचित समय में वांछित लक्ष्यों को पूरा करते हैं। मुझे यकीन है कि यह पहल समाज में दर्द, पीड़ा और हठधर्मिता कम करने के अपने उद्देश्य को हासिल करेगी।

दिसंबर 2022 में शुरू की गई डब्ल्यूओएमबी पहल मरीजों के नेटवर्क के निर्माण के साथ-साथ इन महिलाओं के कलंक, भेदभाव और अलगाव को समाप्त करने के लिए मां से बच्चे में हेपेटाइटिस बी के संचरण के बारे में जागरूकता फैला रही है।

'इलनेस टू वेलनेस' और 'एम्पैथी' की साझेदारी का उद्देश्य पूरे देश में लोगों को हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जागरूक करना और प्रभावित व्यक्तियों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है।

इस साझेदारी के माध्यम से उनका लक्ष्य उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारी के लिए प्रसार करना है जो हेपेटाइटिस बी और सी के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही समृद्ध और पूर्ण जीवन जीने में अच्छे स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालती है।

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Created On :   22 March 2024 2:26 PM GMT

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