आईएएनएस न्यूज प्वाइंट: हिंसक विरोध प्रदर्शनों से हिले पाकिस्तान में एक साल बाद भी सेना और इमरान की पीटीआई के बीच विवाद जारी

हिंसक विरोध प्रदर्शनों से हिले पाकिस्तान में एक साल बाद भी सेना और इमरान की पीटीआई के बीच विवाद जारी
गुरुवार (9 मई) को उस दिन का एक साल पूरा हो गया, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था। हिंसा, दंगे, सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले और 'प्रतिरोध का आह्वान' - एक ऐसी कहानी है, जिसे खान ने अप्रैल 2022 में सत्ता से बाहर होने के बाद से अपने समर्थकों में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया।

इस्लामाबाद, 10 मई (आईएएनएस)। गुरुवार (9 मई) को उस दिन का एक साल पूरा हो गया, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया था। हिंसा, दंगे, सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले और 'प्रतिरोध का आह्वान' - एक ऐसी कहानी है, जिसे खान ने अप्रैल 2022 में सत्ता से बाहर होने के बाद से अपने समर्थकों में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया।

पीटीआई और सैन्य प्रतिष्ठान दोनों एक-दूसरे को पीड़ित और हमलावर बताकर 9 मई को 'काला दिन' के रूप में मनाते हैं।

सत्तारूढ़ संघीय सरकार - अपने गठबंधन के राजनीतिक सहयोगियों के साथ, जो सिंध, बलूचिस्तान और पंजाब में प्रांतीय व्यवस्था को नियंत्रित करते हैं - देश भर में पिछले साल संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों पर हिंसक हमलों को अंजाम देने वाले समर्थकों का ब्रेनवॉश करने के लिए पीटीआई और इमरान खान की निंदा करते हैं।

सैन्य प्रतिष्ठान भी इस मुद्दे पर मुखर है।

इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "पाकिस्तान के सशस्त्र बल, चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) और सेवा प्रमुखों के साथ 9 मई, 2023 को किए गए आपराधिक कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। यह हमारे राष्ट्रीय इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। उपद्रवियों ने विद्रोह की कार्रवाई में जानबूझकर राज्य संस्थानों के खिलाफ हिंसा का सहारा लिया और राज्य के पवित्र प्रतीकों और राष्ट्रीय विरासत से संबंधित स्थलों को नुकसान पहुंचाया।"

सैन्य प्रतिष्ठान का कहना है कि उसने सुनियोजित हिंसा के दौरान "अत्यधिक संयम" दिखाया, जिससे यह उजागर हुआ कि प्रदर्शनकारियों और सशस्त्र बलों के बीच टकराव पैदा करने के दुर्भावनापूर्ण प्रयास को विफल कर दिया गया।

आईएसपीआर ने साफ कर दिया है कि दंगों और हमलों के पीछे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

आईएसपीआर के एक बयान में कहा गया है, "यही कारण है कि 9 मई की त्रासदी के योजनाकारों, सूत्रधारों और निष्पादकों के साथ न तो कोई समझौता किया जा सकता है और न ही उन्हें देश के कानून के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति दी जाएगी। वास्तविक दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना यह सुनिश्चित करने के लिए सर्वोपरि है कि भविष्य में कोई भी इस तरह के अनुचित आचरण से हमारे नायकों और हमारी एकता के प्रतीकों को अपमानित करने की हिम्मत नहीं करेगा।"

पीटीआई और सैन्य प्रतिष्ठान का एक-दूसरे के खिलाफ सख्त रुख एक साल बाद भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है, क्योंकि दोनों पक्ष अपनी बात मानने को तैयार नहीं हैं।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा, "पीटीआई को यह स्वीकार करने की जरूरत है कि उसने अपने समर्थकों को इस तरह की अस्वीकार्य प्रतिक्रिया की ओर ले जाकर बेहद गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया। राज्य द्वारा प्रतिशोध में हजारों लोगों को निशाना बनाया गया और उस दिन की घटनाओं ने अनिर्वाचित ताकतों के विस्तार और उनके प्रभाव को तेज कर दिया। इससे राज्य का विधायी और प्रशासनिक तंत्र प्रभािवत हुआ।“

उन्होंने कहा, "दूसरी ओर, सरकार भी निर्दोष नहीं है। संयम से काम लेने के बजाय उसने चरम उपायों से जवाब दिया, जिसने हमें पिछली तानाशाही की याद दिला दी।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   10 May 2024 1:56 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story