अधिकार: स्रेब्रेनिका नरसंहार की याद में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव से भारत ने बनाई दूरी
संयुक्त राष्ट्र, 24 मई (आईएएनएस)। यूगोस्लाविया के विघटन के बाद हुए गृह युद्ध के दौरान 1995 में स्रेब्रेनिका में बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ था। अब इस नरसंहार की याद में एनुअल डे मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया। लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव से अलग रहने का फैसला किया।
जर्मनी और रवांडा द्वारा लाये गए प्रस्ताव पर गुरुवार को 193 सदस्यीय महासभा में केवल 84 वोट पड़े। इससे विभिन्न देशों में मतभेद खुलकर सामने आ गए, क्योंकि ऐसे प्रस्ताव सर्वसम्मति से अपनाए जाते हैं।
उन्नीस देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया, जबकि 68 देश अनुपस्थित रहे और 22 ने बिलकुल अलग रहने का फैसला किया।
भारत क्यों इस प्रस्ताव से दूर रहा, इसका कोई कारण नहीं बताया गया है।
प्रस्ताव पारित होने के बाद, संयुक्त राष्ट्र हर साल 11 जुलाई को "स्रेब्रेनिका में 1995 के नरसंहार का अंतर्राष्ट्रीय दिवस" मनाएगा। 1995 में बोस्निआ में 8000 मुसलमानों की हत्या हुई थी। गृहयुद्ध से जूझ रहे बोस्निया में आजादी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को देखते ही गोली मार दी गई थी।
संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के स्थायी प्रतिनिधि एंटजे लेन्डर्टसे ने कहा कि उनका देश जर्मन नाज़ी द्वारा किए गए नरसंहार को दोबारा होने से रोकने के लिए प्रस्ताव को प्रायोजित कर रहा था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों ने 60 लाख यहूदियों को मार डाला था।
लेन्डर्टसे ने कहा कि यह बोस्निया में स्रेब्रेनिका नरसंहार के पीड़ितों की याद का सम्मान करने के लिए था और यह सर्बों के खिलाफ नहीं था, बल्कि केवल उन लोगों के खिलाफ था जिन्होंने हत्याएं कीं।
पड़ोसी देश सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुसिक ने जर्मनी के इतिहास को देखते हुए इस तरह का प्रस्ताव पेश करने के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि इसे राजनीतिक कारणों से और सर्बियाई लोगों को कलंकित करने के लिए पेश किया गया था।
उन्होंने कहा, जिन लोगों ने नरसंहार को अंजाम दिया, उन पर पहले ही मुकदमा चलाया जा चुका है, दोषी ठहराया गया है और जेल की सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव एकतरफा है।
इस प्रस्ताव को पश्चिम और रूस के बीच टकराव के नजरिये से भी देखा जा रहा है, क्योंकि सर्बिया मास्को का सहयोगी देश है।
अधिकांश मुस्लिम देशों ने प्रस्ताव पर पश्चिमी देशों के साथ मतदान किया, उन्होंने गाजा में हो रही हत्या का भी मुद्दा उठाया।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   24 May 2024 7:56 AM IST