अंतरराष्ट्रीय: भारत-मॉरीशस संबंध 'सागर' सद्भावना का उदाहरण एस जयशंकर

भारत-मॉरीशस संबंध सागर सद्भावना का उदाहरण एस जयशंकर
भारत तथा मॉरिशस के लगातार मजबूत होते आपसी रिश्तों के एक और प्रमाण के रूप में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने गुरुवार को संयुक्त रूप से अगालेगा द्वीप पर एक नई हवाई पट्टी और एक जेट्टी का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली, 29 फरवरी (आईएएनएस)। भारत तथा मॉरिशस के लगातार मजबूत होते आपसी रिश्तों के एक और प्रमाण के रूप में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने गुरुवार को संयुक्त रूप से अगालेगा द्वीप पर एक नई हवाई पट्टी और एक जेट्टी का उद्घाटन किया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे भारत की सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) सद्भावना का उदाहरण बताया।

मॉरीशस को "भारत का मूल्यवान मित्र" कहते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष प्रविंद जुगनौथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अगालेगा हवाई पट्टी, सेंट जेम्स जेट्टी और द्वीप पर छह अन्य सामुदायिक विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

यह मुख्य भूमि मॉरीशस और अगालेगा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा और आर्थिक-सामाजिक विकास को बढ़ावा देगा।

एस. जयशंकर ने एक्स पर कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम का गवाह बनने का "सौभाग्य" मिला। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध हमारी सागर (एसएजीएआर) सद्भावना, हमारी पड़ोसी प्रथम प्राथमिकता और हमारी फॉरवर्ड अफ्रीका एकजुटता का एक उदाहरण है।

मंत्री ने कहा, "आज के उद्घाटन इस प्रतिबद्धता को और मजबूत करेंगे।"

विज़न सागर का उद्देश्य देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाना और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाना है।

इस दृष्टिकोण के माध्यम से, भारत अपने समुद्री भागीदारों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को गहरा करना चाहता है और उनकी समुद्री सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण में सहायता करना चाहता है।

इस अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि मॉरीशस भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' का एक प्रमुख भागीदार और विजन सागर के तहत एक विशेष भागीदार है।

उन्होंने कहा, "ग्लोबल साउथ (पिछड़े एवं विकासशील देशों) के सदस्यों के रूप में हमारी समान प्राथमिकताएं हैं और पिछले 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंधों में अभूतपूर्व गति देखी गई है और आपसी सहयोग की नई ऊंचाइयां हासिल की गई हैं।"

हिंद महासागर क्षेत्र में दो अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली पारंपरिक और गैर-पारंपरिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मॉरीशस इन चुनौतियों से निपटने के लिए समुद्री सुरक्षा में प्राकृतिक भागीदार हैं।

उन्होंने कहा, "हम हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हम विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी, संयुक्त गश्त, हाइड्रोग्राफी और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत जैसे सभी क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।"

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 12 फरवरी को दोनों नेताओं ने मॉरीशस में यूपीआई और रुपे कार्ड सेवाएँ लॉन्च की थीं।

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Created On :   1 March 2024 5:23 PM IST

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