भारत के कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर की आय वित्त वर्ष 26 में 6-8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

भारत के कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर की आय वित्त वर्ष 26 में 6-8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान
भारत के कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर की आय वित्त वर्ष 26 में 6-8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। इसकी वजह कीमतों में वृद्धि, निर्यात में सुधार और स्थिर स्टील की कीमतों का होना है। यह जानकारी गुरुवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर की आय वित्त वर्ष 26 में 6-8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। इसकी वजह कीमतों में वृद्धि, निर्यात में सुधार और स्थिर स्टील की कीमतों का होना है। यह जानकारी गुरुवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि उच्च उपकरण लागत और कमजोर घरेलू मांग के बीच विदेशों से मजबूत ऑर्डर सेक्टर को सपोर्ट उपलब्ध करा रहे हैं।

रेटिंग्स एजेंसी ने कहा कि कीमतों में चुनिंदा वृद्धि उच्च अनुपालन लागत को ऑफसेट करने में आंशिक रूप से सहायक होगी। निर्यात में सुधार और स्थिर स्टील की कीमतें कम कीमत वाले आयात के प्रभाव को कम करने में मदद करेंगे।

रिपोर्ट में बताया गया कि इससे परिचालन मार्जिन पिछले वित्त वर्ष के लगभग 12 प्रतिशत से घटकर 11 प्रतिशत रह जाएगा और सभी निर्माताओं के क्रेडिट मेट्रिक्स स्थिर रहेंगे।

कंपनी ने कहा कि भारत का कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में 2-4 प्रतिशत की मात्रा वृद्धि दर्ज करता रहेगा।

इस सेक्टर के 17 अग्रणी निर्माताओं की क्रिसिल की समीक्षा में पाया गया कि वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में निर्यात में 35 प्रतिशत की वृद्धि ने कमजोर घरेलू मांग के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच प्रदान किया।

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, "इस वित्त वर्ष के शेष भाग में परियोजनाओं के शीघ्र आवंटन और क्रियान्वयन 11 लाख करोड़ रुपए के इन्फ्रास्ट्रक्चर के परिव्यय को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। इसके अलावा, अगले वित्त वर्ष में घरेलू मांग को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर उच्च इन्फ्रास्ट्रक्चर परिव्यय और बढ़ा हुआ निजी पूंजीगत व्यय आवश्यक होगा।"

क्रिसिल रेटिंग्स की निदेशक पूनम उपाध्याय ने कहा, "जनवरी 2025 में सीईवी-वी मानदंडों के लागू होने से घरेलू उपकरणों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है, जिससे उद्योग वैश्विक स्तर पर गति प्राप्त करने के लिए तैयार है।"

सीईवी-वी1 उत्सर्जन मानदंडों के अनुपालन से लागत में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन इससे उत्पाद की विश्वसनीयता और स्वीकार्यता बढ़ी है, जिससे अफ्रीका और लैटिन अमेरिका से मांग बढ़ी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि नए मानदंड यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान जैसे उन्नत बाजारों तक पहुंच खोलते हैं, जहां लागत दक्षता और अनुपालन महत्वपूर्ण हैं।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 Nov 2025 2:24 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story