राष्ट्रीय: जिगिशा हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को रवि कपूर की पैरोल अर्जी पर फैसला लेने का निर्देश दिया

जिगिशा हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को रवि कपूर की पैरोल अर्जी पर फैसला लेने का निर्देश दिया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य के अधिकारियों से कहा कि वे आईटी कार्यकारी जिगिशा घोष की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे रवि कपूर की पैरोल अर्जी पर 10 दिनों के भीतर फैसला लें।

नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य के अधिकारियों से कहा कि वे आईटी कार्यकारी जिगिशा घोष की हत्या के लिए उम्रकैद की सजा काट रहे रवि कपूर की पैरोल अर्जी पर 10 दिनों के भीतर फैसला लें।

कपूर ने मार्च में अपनी भतीजी की शादी में शामिल होने और अपने माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सामाजिक संबंध बनाए रखने के लिए तीन महीने की पैरोल की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

कपूर ने अपनी याचिका में कहा कि उन्होंने 29 जनवरी को पैरोल के लिए आवेदन किया था, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।

राज्य के वकील द्वारा दिल्ली जेल नियमों के प्रासंगिक प्रावधान का हवाला देने के बाद न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कपूर की याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें कहा गया था कि पैरोल के लिए दी गई अर्जी पर चार सप्ताह के भीतर फैसला किया जाना चाहिए।

वकील ने आश्‍वासन दिया कि पैरोल अर्जी का निपटारा 10 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा।

उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर पैरोल अर्जी पर फैसला लेने का निर्देश दिया और रिट याचिका का निपटारा कर दिया।

कपूर को पत्रकार सौम्या विश्‍वनाथन और जिगिशा घोष की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था। उसे हाल ही में सौम्या की हत्‍या के मामले में उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी, क्‍योंकि उसकी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपील लंबित है।

इससे पहले जनवरी में उच्च न्यायालय ने कपूर द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता को देखते हुए उसके पैरोल आवेदन को खारिज कर दिया था। इसमें जेल में उसके आचरण को ध्यान में रखा गया, यह देखते हुए कि उसे 41 बड़ी सजाएं मिलीं, जिन्हें असंतोषजनक माना गया।

शुरुआत में जिगिशा घोष की हत्या के लिए 2016 में ट्रायल कोर्ट द्वारा कपूर को मौत की सजा सुनाई गई थी, बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कपूर की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। उसे 2008 के सौम्या विश्‍वनाथन की हत्या मामले में भी दोषी ठहराया गया था और 2023 में ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

28 वर्षीय जिगिशा घोष का मार्च 2009 में अपहरण कर हत्या कर दी गई थी, जबकि पत्रकार सौम्या विश्‍वनाथन की सितंबर 2008 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

जिगिशा की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी से सौम्या विश्‍वनाथन हत्याकांड का मामला सुलझ गया था। पुलिस ने दोनों हत्याओं के पीछे डकैती को कारण बताया है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   20 Feb 2024 2:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story