विज्ञान/प्रौद्योगिकी: भारत के विज्ञापन बाजार की हिस्सेदारी 2029 तक जीडीपी में 0.5 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान रिपोर्ट

भारत के विज्ञापन बाजार की हिस्सेदारी 2029 तक जीडीपी में 0.5 प्रतिशत पहुंचने का अनुमान रिपोर्ट
भारत के विज्ञापन बाजार की वैल्यू 2024 में 16-18 अरब डॉलर है और इसका जीडीपी में योगदान 0.4 प्रतिशत है और यह आने वाले समय में 10-15 प्रतिशत की कपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ेगा और 2029 में इसका अर्थव्यवस्था में योगदान 0.5 प्रतिशत हो जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के विज्ञापन बाजार की वैल्यू 2024 में 16-18 अरब डॉलर है और इसका जीडीपी में योगदान 0.4 प्रतिशत है और यह आने वाले समय में 10-15 प्रतिशत की कपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ेगा और 2029 में इसका अर्थव्यवस्था में योगदान 0.5 प्रतिशत हो जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

बेन एंड कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डिजिटल विज्ञापन भारत के कुल विज्ञापन खर्च में 50-60 प्रतिशत योगदान देता है और 2029 तक इसके 15 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर 17-19 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि बढ़ती निजी खपत, उच्च डिजिटल खपत, ओटीटी को तेजी से अपनाने और हाई-स्पीड इंटरनेट कवरेज के विस्तार से प्रेरित है।

लघु एवं मध्यम उद्यम (एसएमई) और डायरेक्ट टू कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांड भारत की डिजिटल विज्ञापन अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालक के रूप में उभर रहे हैं। देश के डिजिटल विज्ञापन खर्च में उनका योगदान 2020 में 35 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 37 प्रतिशत हो गया है और 2029 तक 40-42 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।

बेन एंड कंपनी के पार्टनर प्रभाव कश्यप ने कहा, "मोबाइल आधारित उपभोग बढ़ना, वीडियो फॉर्मैट का तेजी से बढ़ता हुआ विकास और विज्ञापन प्रक्रिया के हर चरण में एआई का एकीकरण, ब्रांडों के उपभोक्ताओं से जुड़ने के तरीके को नया रूप दे रहा है।"

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक विज्ञापन बाजार भी ऐतिहासिक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, और 2029 तक डिजिटल विज्ञापन कुल विज्ञापन खर्च का 80-85 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया, "वैश्विक बाजार, जिसका आकार 2024 में 1 ट्रिलियन डॉलर है, 2029 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 1 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, जो विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं, दोनों में आर्थिक विकास को पीछे छोड़ देगा।"

रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता विभिन्न उपकरणों और प्लेटफार्मों पर अधिक समय बिता रहे हैं, 2023 में भारत में हर व्यक्ति प्रति दिन मोबाइल पर 4.8 घंटे बिताए हैं जो कि 2019 में 3.7 घंटे से अधिक था।

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Created On :   26 Aug 2025 2:43 PM IST

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