देश की अर्थव्यवस्था के हित के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी जरूरी गवर्नर संजय मल्होत्रा

देश की अर्थव्यवस्था के हित के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी जरूरी  गवर्नर संजय मल्होत्रा
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को 12वें बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि यह कॉन्क्लेव ऐसे समय में हो रहा है जब पॉलिटिकल टेंशन, टेक्नोलॉजिकल बदलावों की वजह से अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। उन्होंने इस कॉन्क्लेव को मौजूदा चुनौतियों और अवसरों पर बात करने का एक सही समय बताया।

मुंबई, 7 नवंबर (आईएएनएस)। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को 12वें बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में कहा कि यह कॉन्क्लेव ऐसे समय में हो रहा है जब पॉलिटिकल टेंशन, टेक्नोलॉजिकल बदलावों की वजह से अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। उन्होंने इस कॉन्क्लेव को मौजूदा चुनौतियों और अवसरों पर बात करने का एक सही समय बताया।

उन्होंने एक वर्ष पहले हुए इसी कॉन्क्लेव को लेकर कहा कि मैंने इस खास कॉन्क्लेव में अपनी मौजूदगी वर्चुअली दर्ज करवाई थी।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, "पिछले कॉन्क्लेव में मैंने उन रिफॉर्म्स के बारे में बात की थी जो हम आज टैक्सेशन सेक्टर में कर रहे हैं। मैं आज आपके सामने पिछले कुछ महीनों में किए गए कुछ रेगुलेटरी बदलावों के बारे में बात करूंगा।"

उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि पहले हमने आरबीआई के लिए एक रेगुलेशन बनाने का फ्रेमवर्क जारी किया था, जिसमें हमारा एक कंसल्टेटिव प्रोसेस है। हम इसे अधिक ओपन और कंसल्टेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर ने अपने एमपीसी बयानों पर बात करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के हित के लिए भारतीय रिजर्व बैंक में फाइनेंशियल स्टेबिलिटी जरूरी है।

उन्होंने कहा, "यह एक जरूरी सिद्धांत है। यह शॉर्ट-टर्म ग्रोथ नहीं, जो फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की कीमत पर हासिल की जाती है, इसके लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए बड़े नतीजे हो सकते हैं।"

गवर्नर मल्होत्रा के अनुसार, "इलेक्ट्रॉनिक मैग्नीट्यूड की टेक्नोलॉजिकल तरक्की पर आधारित तेजी से बदलते बैंकिंग सिस्टम में कोई भी रेगुलेटर सिस्टम को एक ही समय पर नहीं रख सकता। रेगुलेटर की भूमिका भारत में स्थिरता, निष्पक्षता और मजबूती सुनिश्चित करने वाले नियमों के तहत विकास का नेतृत्व करना है।"

इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी को लेकर संजय मल्होत्रा ने कहा कि इसने भारत के क्रेडिट कल्चर को पूरी तरह से बदल दिया है।

उन्होंने एसबीआई को लेकर कहा कि देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक पूरी तरह से बदल गया है। एसबीआई 2018 में नुकसान में चला गया था, वहीं आज 100 बिलियन डॉलर की कंपनी बन गया है, जो कि रेगुलेटरी और स्ट्रक्चरल सुधारों का परिणाम है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 Nov 2025 2:09 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story