राष्ट्रीय: नई किताब से पता चलता है कि कैसे सोनिया गांधी ने दुखी जगन को नाराज किया और आंध्र को खो दिया

नई किताब से पता चलता है कि कैसे सोनिया गांधी ने दुखी जगन को नाराज किया और आंध्र को खो दिया
वरि‍ष्‍ठ पत्रकार अमर देवुलपल्ली की एक नई किताब में विस्तार से बताया गया है कि कैसे सोनिया गांधी ने आंध्र प्रदेश में गड़बड़ी की और राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी बनाई। इससे 'सबसे पुरानी पार्टी' अपने इस मजबूत गढ़ को खो बैठी, जिसने 2004 व 2009 में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में उसे सबसे अधिक लोकसभा सीटें दी थीं।

नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)। वरि‍ष्‍ठ पत्रकार अमर देवुलपल्ली की एक नई किताब में विस्तार से बताया गया है कि कैसे सोनिया गांधी ने आंध्र प्रदेश में गड़बड़ी की और राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और अपनी पार्टी बनाई। इससे 'सबसे पुरानी पार्टी' अपने इस मजबूत गढ़ को खो बैठी, जिसने 2004 व 2009 में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में उसे सबसे अधिक लोकसभा सीटें दी थीं।

'डेक्कन पावरप्ले' (रूपा प्रकाशन) में, देवुलपल्ली लिखते हैं कि जगर के पि‍ता कांग्रेस के मजबूत नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री, वाई.एस. राजशेखर रेड्डी (वाईएसआर) की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के सदमे में कम से कम 737 पुरुषों और महिलाओं ने आत्महत्या कर ली।

देवुलापल्ली कहते हैं, "जगन अपने पिता की स्मृति का सम्मान करने और दिवंगत नेता की प्रशंसा करने वाले परिवारों के दुख को साझा करने के लिए राज्य भर में ओडारपु यात्रा निकालना चाहते थे। लेकिन कई अनुरोधों के बावजूद सोनिया ने यात्रा की अनुमति नहीं दी।"

वह लिखते हैं कि इसके कारण जगन को हमेशा के लिए कांग्रेस छोड़नी पड़ी और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी, वाईएसआरसीपी बनानी पड़ी।

जगन द्वारा राज्य का दौरा करने और वाईएसआर की विरासत पर अपनी पकड़ मजबूत करने के विचार से राज्य कांग्रेस नेतृत्व असहज था।

देवुलापल्ली लिखते हैं,"इन गलतफहमियों के बावजूद, जगन पार्टी के साथ बने रहे और यात्रा की अनुमति के लिए नेतृत्व से अपील की और छह महीने - अक्टूबर 2009 से अप्रैल 2010 - तक उन्होंने पार्टी आलाकमान को यह समझाने की कोशिश की कि वह पार्टी के सर्वोत्तम हित में हैं।"

जगन ने 9 अप्रैल, 2010 को उन 737 पुरुषों और महिलाओं के परिवारों को सांत्वना देने के उद्देश्य से ओडारपु यात्रा शुरू की, जिन्होंने अपने नेता के लिए दुःखी होकर अपनी जान दे दी थी। इन 737 व्यक्तियों के नाम रेड्डीज के गृह मैदान, कडप्पा जिले के एक गांव, इदुपुलपाया में एक पट्टिका पर अंकित हैं।

लेखक लिखते हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने इसे अपनी अवज्ञा माना। लेेक‍िन जगन निश्चिन्त थे, उन्होंने कहा कि ओडारपु यात्रा उनके राज्य के लोगों का सम्मान करने का उनका तरीका है।

कांग्रेस नेतृत्व को आश्वस्त करने के लिए कि यह जगन का विद्रोह का कार्य नहीं है, उनकी मां वाई.एस. विजयम्मा और बहन शर्मिला, जो अब कांग्रेस में उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, ने ओडारपु यात्रा के पीछे के उद्देश्य को समझाने के लिए सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा।

“आखिरकार, जगन को जून 2010 के अंत में सोनिया गांधी से मिलने का समय दिया गया। वह अपनी मां विजयम्मा और अपनी बहन के साथ उनसे मिले। यह नई दिल्ली में सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर 40 मिनट की बैठक थी। देवुलपल्ली लिखते हैं, ''जगन ने अपने पिता की दुखद मौत के बाद सदमे से मरने वाले लोगों के परिजनों के साथ अपनी बैठकों की गैर-राजनीतिक प्रकृति के बारे में सोनिया को आश्वस्त करने की पूरी कोशिश की।''

अडिग सोनिया गांधी ने उन्‍हें सभी मृतकों के परिवारों को एक जगह इकट्ठा करने और अलग-अलग के बजाय एक ही बार में सांत्वना देने को कहा।

बैठक के बाद, जगन ने घोषणा की कि वह 8 जुलाई, 2010 को अपने पिता की जयंती पर श्रीकाकुलम जिले के इच्छापुरम से यात्रा फिर से शुरू करेंगे, जहां वाईएसआर ने अपनी महाकाव्य पदयात्रा का समापन किया था, जिसने 2004 में कांग्रेस को सत्ता में लाया था।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   11 Feb 2024 3:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story