अंतरराष्ट्रीय: बुल्गारियाई संसद का पहला सत्र, राजनीतिक तनाव के बीच नहीं हो सका अध्यक्ष का चुनाव

बुल्गारियाई संसद का पहला सत्र, राजनीतिक तनाव के बीच नहीं हो सका अध्यक्ष का चुनाव
बुल्गारिया की नवनिर्वाचित नेशनल असेंबली में का पहला सत्र आंतरिक विवादों और पब्लिक प्रोटेस्ट के नाम रहा।

सोफिया, 12 नवंबर (आईएएनएस)। बुल्गारिया की नवनिर्वाचित नेशनल असेंबली में का पहला सत्र आंतरिक विवादों और पब्लिक प्रोटेस्ट के नाम रहा।

बुल्गारियाई नेशनल असेंबली का चुनाव अक्टूबर के अंत में हुआ था। पहले सत्र में संवैधानिक जरूरत के बावजूद अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका।

आठ पार्टियों और गठबंधनों के 240 विधायक किसी भी उम्मीदवार के लिए साधारण बहुमत हासिल करने में असमर्थ रहे हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पांच पार्टियों ने इस पद के लिए अपने उम्मीदवारों को नामित किया, लेकिन किसी को भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिला।

दो प्रमुख उम्मीदवार, जीईआरबी-यूडीएफ गठबंधन से राया नाजरयान और वी कंटिन्यू द चेंज-डेमोक्रेटिक बुल्गारिया (पीपी-डीबी) गठबंधन से आंद्रेई त्सेकोव को क्रमशः 68 और 67 वोट मिले। दोनों ने रन ऑफ के लिए क्वालीफाई किया है।

रनऑफ में नाजरयान को अपने गठबंधन के 69 सांसदों में से 68 वोट मिले, जबकि त्सेकोव को भी 68 वोट मिले, जिनमें उनके गठबंधन के 37, अलायंस फॉर राइट्स एंड फ्रीडम (एआरएफ) गठबंधन के 19 सांसद, तथा मोरेलिटी यूनिटी ऑनर (एमईसीएच) पार्टी के 12 सांसद शामिल थे।

देश की संसद बुधवार को फिर से बैठक करेगी, जिसमें अध्यक्ष का चुनाव करने का दोबारा प्रयास किया जाएगा।

प्लेनरी सेशन से पहले, जीईआरबी नेता बोयको बोरिसोव ने संवाददाताओं से कहा कि अगली सरकार जीईआरबी-यूडीएफ, पीपी-डीबी, 20 सीटों वाली बुल्गारियाई सोशलिस्ट पार्टी और 18 सीटों वाली देयर इज सच पीपल (आईटीएन) पार्टी का गठबंधन हो सकती है। उन्होंने खुद को गठबंधन का प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी रखा।

हालांकि, आईटीएन के नेता तोशको योर्डानोव ने उनके इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी से सलाह नहीं ली गई है। उन्होंने बोरिसोव की प्रस्तावित भूमिका को 'बेतुका' बताया।

इस बीच, शहर के बीचों-बीच विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

संसद से बाहर की पार्टियों द्वारा आयोजित कुछ विरोध प्रदर्शन चुनी गई इस बुल्गारियाई राष्ट्रीय असेंबली को "अवैध" बता रहे थे। अन्य समूह नए चुनावी कोड और सड़क सुरक्षा में सुधार सहित बदलावों की मांग कर रहे थे।

27 अक्टूबर को होने वाले संसदीय चुनाव अब कानूनी जांच का सामना कर रहे हैं, क्योंकि संवैधानिक न्यायालय ने शुक्रवार को 52 मतदान केंद्रों में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू की है। यह जांच 67 सांसदों के औपचारिक अनुरोध के बाद शुरू की गई।

सोमवार को, न्यायालय ने दूसरी जांच शुरू की, जब 58 सांसदों ने अतिरिक्त चिंताएं जताईं, जिसमें चुनावों के दौरान 'कई और विभिन्न उल्लंघन' का आरोप लगाया , जिनमें से कुछ, उनके मुताबिक अपराध थे।

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Created On :   12 Nov 2024 2:14 PM IST

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