भारत को अगले 10 से 15 वर्षों में सालाना आधार पर 80 लाख जॉब क्रिएट करने की जरूरत सीईए नागेश्वरन

भारत को अगले 10 से 15 वर्षों में सालाना आधार पर 80 लाख जॉब क्रिएट करने की जरूरत  सीईए नागेश्वरन
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत को अपने डेमोग्राफिक डिविडेंट का लाभ उठाने के लिए अगले 10 से 15 वर्षों में सालाना आधार पर 80 लाख जॉब क्रिएट करने की जरूरत है।

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत को अपने डेमोग्राफिक डिविडेंट का लाभ उठाने के लिए अगले 10 से 15 वर्षों में सालाना आधार पर 80 लाख जॉब क्रिएट करने की जरूरत है।

इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन्स (आईसीआरआईईआर) और प्रोसस द्वारा आयोजित एक वेबिनार में, सीईए नागेश्वरन ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को खासकर हेल्थकेयर और एजुकेशन जैसे फील्ड में ह्युमन वर्क को रिप्लेस करने के बजाय इन प्रोफेशनल्स के काम को बेहतर बनाने में अपना सहयोग देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन सेक्टर में फ्रंटलाइन प्रोफेशनल्स को क्वालिटी सर्विस के विस्तार खास कर दूरदराज के इलाकों को अपनी सर्विस देने के लिए एआई के जरिए सपोर्ट किया जाना चाहिए।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास वर्तमान में अमेरिका और चीन की तुलना में लिमिटेड कंप्यूटिंग और जीपीयू कैपेसिटी उपलब्ध है, जो कि कहीं न कहीं देश की लार्ज स्केल एआई मॉडल्स को घरेलू स्तर पर डेवलप और ट्रेन करने की क्षमता को प्रभावित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एआई सब्सक्रिप्शन प्राइसिंग को लेकर ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स द्वारा हाल की कीमत कटौती यूजर अडॉप्शन को बढ़ाएगी। उन्होंने इसके लिए मंथली प्लान को एक सिंगल कम फीस वाले एनुअल सब्सक्रिप्शन प्लान के साथ पेश किए जाने का उदाहरण दिया। यूजर अडॉप्शन बढ़ने का मतलब होगा कि विदेशी एआई सिस्टम्स द्वारा कैप्चर किए जा रहे भारतीय डेटा का वॉल्यूम भी बढ़ जाएगा।

इवेंट में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डेरॉन ऐसमोग्लू भी शामिल हुए। साथ ही, इस बात पर ध्यान दिया गया कि एआई भारत में किस प्रकार वर्कफोर्स डेवलपमेंट, प्रोडक्टिविटी और सर्विस डिलीवरी को बेहतर बनाने के लिए अपना समर्थन दे सकता है।

ऐसमोग्लू ने कहा ऐसे एआई टूल्स जो टेक्निशियन्स, नर्स और शिक्षकों को असिस्ट कर सकें, इकोनॉमिक पार्टिसिपेशन और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में मददगार होंगे। वहीं, लेबर रिप्लेसमेंट को प्राथमिकताओं देने वाले एआई के साथ मिडल-स्किल्ड वर्कफोर्स वाले देशों के लिए आर्थिक दबाव पैदा हो सकता है।

आईसीआरआईईआर के चेयरपर्सन प्रमोद भसीन ने प्रोसस के साथ अपनी पार्टनरशिप को लेकर खुशी जाहिर की। इस पार्टनरशिप के साथ भारत की डिजिटल इकोनॉमी को लेकर एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया जाएगा।

प्रोसस इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, सहराज सिंह ने कहा, "आईसीआरआईईआर के रिसर्च एक्सीलेंस को प्रोसस के इनोवेशन-लेड एंटरप्रेन्योरशिप में एक्सपीरियंस के साथ जोड़कर हमारा उद्देश्य एक्शन योग्य इनसाइट को क्रिएट करना है, जो इंक्लूसिव और जिम्मेदार डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को गाइड कर सके।"

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Created On :   13 Nov 2025 2:34 PM IST

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