जेएनयू आंतरिक समिति चुनाव के नतीजे घोषित, तीन छात्र प्रतिनिधि चुने गए

जेएनयू आंतरिक समिति चुनाव के नतीजे घोषित, तीन छात्र प्रतिनिधि चुने गए
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के डीन ऑफ स्टूडेंट्स कार्यालय ने बुधवार को आंतरिक समिति चुनाव के परिणामों की आधिकारिक घोषणा की। इस चुनाव में तीन प्रतिनिधियों का चयन स्नातक, परास्नातक और पीएचडी वर्गों से किया गया है।

नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के डीन ऑफ स्टूडेंट्स कार्यालय ने बुधवार को आंतरिक समिति चुनाव के परिणामों की आधिकारिक घोषणा की। इस चुनाव में तीन प्रतिनिधियों का चयन स्नातक, परास्नातक और पीएचडी वर्गों से किया गया है।

डीन ऑफ स्टूडेंट्स मनुराधा चौधरी ने कहा कि स्नातक (यूजी) श्रेणी से गर्विता गांधी, परास्नातक (पीजी) श्रेणी से श्रुति वर्मा और पीएचडी श्रेणी से परन अमितावा को छात्र प्रतिनिधि के रूप में चुना गया है। ये तीनों छात्र विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति में अपने-अपने वर्गों का प्रतिनिधित्व करेंगे।

जेएनयू आंतरिक समिति चुनाव के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई थी। 25 अक्टूबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने आंतरिक समिति चुनाव का शेड्यूल जारी किया था। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की गई। इसके बाद 4 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ।

मंगलवार को नए केंद्रीय पैनल और स्कूल पार्षदों के लिए भी मतदान हुआ। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में लगभग 67 प्रतिशत छात्रों ने मत का इस्तेमाल किया। मतदान सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दिन भर चला। केंद्रीय पैनल के चार पदों (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव) के लिए कुल 20 उम्मीदवार चुनाव में उतरे हैं।

समिति के अनुसार, इस साल 9,043 छात्र मतदान के पात्र थे। मतदान के बाद मंगलवार रात को मतगणना शुरू हुई। बुधवार सुबह नतीजे घोषित किए गए। हालांकि, अंतिम परिणाम 6 नवंबर को आएंगे।

जेएनयू की आंतरिक समिति में 9 सदस्य होते हैं। यह आंतरिक शिकायत समिति भी कहलाती है। तीन छात्रों को भी इस समिति में हिस्सा बनाया जाता है, लेकिन उनका चयन चुनाव के जरिए होता है। तीन छात्रों में दो महिला और एक पुरुष को शामिल किया जाता है। अन्य छह सदस्यों का चयन प्रशासन करता है।

हालांकि, इस बार छात्र प्रतिनिधियों के चुनाव में नियमों को लेकर विवाद हुआ और यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट भी गया। हाईकोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने वाली आंतरिक समिति (आईसी) के छात्र प्रतिनिधियों के चुनाव में छात्रों को मतदान करने की अनुमति दी गई थी।

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Created On :   5 Nov 2025 11:43 AM IST

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