दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 2000 टीमें तैनात, एक्यूआई में 50 अंकों का सुधार मनजिंदर सिंह सिरसा

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन तथा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने सर्दियों के मौसम में प्रदूषण नियंत्रण के लिए जमीनी स्तर पर अभियान और तेज कर दिया है।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली में पूरे साल 24 घंटे के लिए लागू की गई रणनीति नतीजे दे रही है। उन्होंने कहा, “दिल्ली का एक्यूआई गुरुवार को 305 पर है, जो बुधवार से लगभग 50 अंक बेहतर है। ये सुधार साफ दिखाता है कि जमीनी स्तर पर प्रदूषण के खिलाफ की गई कार्रवाई से फर्क पड़ रहा है।”
उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स पर लगातार नजर रखें और ग्रीन वॉर रूम के जरिए मिलकर काम करें। सिरसा ने कहा, “करीब 2000 टीमें दिन-रात ग्राउंड पर काम कर रही हैं। दिल्ली का मॉडल सिर्फ सर्दियों के लिए नहीं, बल्कि सालभर की जवाबदेही और पारदर्शिता पर आधारित है।”
सिरसा ने आगे बताया कि दिल्ली सरकार मौजूदा प्रयासों के साथ भविष्य की तैयारी पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे प्रयास सिर्फ आज के लिए नहीं हैं, बल्कि आने वाले समय को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। जल्द ही 70 नए मैकेनाइज्ड स्वीपर, 70 अतिरिक्त एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर और 140 लिटर पिकर लगाए जा रहे हैं जो 1440 किलोमीटर सड़कों को कवर करेंगे। साथ ही इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘दिल्ली क्लीन एयर चैलेंज’ जारी है और आईआईटी कानपुर व आईएमडी के सहयोग से जल्द ही क्लाउड सीडिंग की जाएगी।”
धूल और निर्माण प्रबंधन: 200 दिन की टीम और 178 रात की टीम (कुल 970 से अधिक कर्मचारी) लगातार निर्माण स्थलों की निगरानी कर रही हैं। 500 वर्गमीटर से बड़े सभी साइट्स पर कड़ी मॉनिटरिंग की जा रही है। एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, डीएसआईआईडीसी और सीपीडब्ल्यूडी द्वारा रोजाना ग्रीन वॉर रूम को रिपोर्ट दी जा रही है।
कूड़ा जलाने पर नियंत्रण: 230 दिन के समय और 213 रात की टीम (कुल 443) अलग-अलग इलाकों में कूड़ा, पत्ते और बायोमास जलाने की घटनाओं पर नजर रख रही हैं। ये टीमें एमसीडी, डीडीए, डीएसआईआईडीसी और रेवेन्यू विभाग की हैं।
वाहन प्रदूषण नियंत्रण: ट्रांसपोर्ट विभाग और अन्य इकाइयों की 578 टीमें, साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की 505 मोबाइल प्रॉसिक्यूशन टीमें (974 अधिकारी), प्रदूषण जांच (PUC), धुआं और इंजन आइडलिंग पर सख्त कार्रवाई कर रही हैं।
औद्योगिक प्रदूषण निरीक्षण: 65 विशेष टीमें (33 डीपीसीसी प्लस 32 डीएसआईआईडीसी) रोजाना औद्योगिक इलाकों में जांच कर रही हैं ताकि सिर्फ PNG ईंधन का उपयोग सुनिश्चित हो और प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पालन हो।
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को भी तेजी से बढ़ाया है, जिसके पीछे की सोच ट्रांसपोर्ट सेक्टर से निकलने वाले प्रदूषण को कम करना है। सिरसा ने कहा, “हम अब सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि निरंतर नियंत्रण पर ध्यान दे रहे हैं। हर मशीन और हर अधिकारी की जवाबदेही तय है। दिल्ली हवा को कर्म से साफ कर रही है, केवल बातों से नहीं।”
25 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली सरकार विज्ञान-आधारित और नागरिक-केंद्रित मॉडल को और मज़बूत बना रही है। आईईटी कानपुर और आईएमडी के साथ क्लाउड सीडिंग की तैयारी लगभग पूरी है। अब तक 136.27 लाख टन पुराना कचरा प्रोसेस किया जा चुका है और 2025 में एक भी लैंडफिल साइट पर आग नहीं लगी—यह बड़ा मील का पत्थर है।
सिरसा ने कहा, “दिल्ली का बेहतर होता हुआ एक्यूआई दिखाता है कि व्यवस्था असरदार हो रही है, लेकिन हमारा लक्ष्य सिर्फ मौसमी सुधार नहीं बल्कि स्थायी बदलाव है।” उन्होंने आगे कहा, “यह सरकार ‘सेवा भावना’ के साथ काम कर रही है। हर विभाग का मकसद नागरिकों को स्वच्छ हवा देना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हम ऐसा सिस्टम बना रहे हैं जो संकट के वक्त नहीं, बल्कि हर दिन काम करे।”
पर्यावरण विभाग ने बताया कि ग्रीन वॉर रूम रोजाना 30 से अधिक एजेंसियों जैसे पीडब्ल्यूडी, एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए, डीएसआईआईडीसी, डीपीसीसी, रेवेन्यू विभाग और दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर रहा है ताकि सर्दियों में प्रदूषण नियंत्रण की रफ्तार बनी रहे।
सिरसा ने कहा, “यह सरकार वादों से नहीं, बल्कि साफ आसमान और स्वस्थ नागरिकों से प्रगति मापती है। दिल्ली की हवा सुधर रही है और हर नागरिक उस बदलाव का हिस्सा है।”
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Created On :   23 Oct 2025 10:00 PM IST