राजनीति: ब्रिक्स संसदीय फोरम में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा

ब्रिक्स संसदीय फोरम में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
ब्रिक्स संसदीय फोरम में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की गई है। इसके अलावा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जीरो टॉलरेंस और वैश्विक एकता की आवश्यकता पर सहमति जताई गई है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। ब्रिक्स संसदीय फोरम में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की गई है। इसके अलावा, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जीरो टॉलरेंस और वैश्विक एकता की आवश्यकता पर सहमति जताई गई है। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

हरिवंश ने कहा कि फोरम के अंतिम संयुक्त घोषणापत्र में इन स्थितियों को सर्वसम्मति से दर्शाया गया। विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के मामले में भारत के दृढ़ और सैद्धांतिक रुख को जोरदार समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट निंदा की और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाने का जोरदार आह्वान किया।

हरिवंश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में भारत सहित सभी 10 सदस्य देशों की संसदों की भागीदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता थी। इस वर्ष के आयोजन में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। इन संसदों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया और संयुक्त घोषणा को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां संयुक्त घोषणापत्र में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें सदस्य संसदों ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करने का संकल्प लिया।

अपने विचार साझा करते हुए, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता पर अंकुश लगाने, खुफिया जानकारी साझा करने, उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने और जांच तथा न्यायिक प्रक्रियाओं में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए समन्वित प्रयासों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। यहां भारत के दृष्टिकोण को विशेष सराहना मिली, ब्रिक्स सांसदों ने पुष्टि की कि वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।

उपसभापति ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने कई प्रमुख मुद्दों पर देश के मजबूत और स्पष्ट रुख को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया। हरिवंश ने बताया कि गहन चर्चा और विचार-विमर्श के कई दौर के उपरांत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उत्तरदायी उपयोग, वैश्विक व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अंतर-संसदीय सहयोग तथा वैश्विक शांति एवं सुरक्षा जैसे विषयों पर व्यापक सहमति बनी। उपसभापति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फोरम के समापन पर भारत को अगले वर्ष 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेजबानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला औपचारिक रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अब ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से नेतृत्व करेगा। भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया और इसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और कई सांसद तथा वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। ग्यारहवें ब्रिक्स संसदीय फोरम के समग्र विषयों में ‘समावेशी और सतत वैश्विक शासन के सृजन में ब्रिक्स संसदों की भूमिका' जैसे विषय भी शामिल रहे।

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Created On :   12 Jun 2025 10:51 PM IST

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