राजनीति: नीट घोटाले में लीपापोती नहीं चलेगी मल्लिकार्जुन खड़गे

नीट घोटाले में लीपापोती नहीं चलेगी  मल्लिकार्जुन खड़गे
संसद में गुरुवार को राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ। अभिभाषण के उपरांत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लिखित राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा, जैसे मोदी जी जनादेश को नकारने की हरसंभव कोशिश कर रहें हैं। जनादेश उनके खिलाफ था, क्योंकि देश की जनता ने 400 पार के उनके नारे को ठुकराया और भाजपा को 272 के आंकड़े से दूर रखा।

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। संसद में गुरुवार को राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ। अभिभाषण के उपरांत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लिखित राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा, जैसे मोदी जी जनादेश को नकारने की हरसंभव कोशिश कर रहें हैं। जनादेश उनके खिलाफ था, क्योंकि देश की जनता ने 400 पार के उनके नारे को ठुकराया और भाजपा को 272 के आंकड़े से दूर रखा।

खड़गे ने कहा कि मोदी जी इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। ऐसा बर्ताव कर रहे हैं जैसे कुछ बदला ही नहीं, बल्कि सच्चाई है कि देश की जनता ने बदलाव मांगा था।

उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा में अपने भाषण में विस्तृत प्रतिक्रिया दूंगा, पर प्रथम दृष्टया मैं कुछ बातें कहना चाहता हूं। नीट घोटाले में लीपापोती नहीं चलेगी। पिछले 5 वर्षों में एनटीए द्वारा कराए गए 66 भर्ती परीक्षाओं में कम से कम 12 में पेपर लीक और धांधली हुई है, जिससे 75 लाख से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। मोदी सरकार केवल यह कहकर कि "दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए", अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। युवा न्याय मांग रहा है। मोदी सरकार के शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। देश का हर दूसरा युवा बेरोजगार है और भाषण में बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है। सिर्फ बातें करने से समस्या का हल नहीं निकलता, इसके लिए निर्णायक कदम उठाने होते हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे भाषण में महंगाई का एक बार भी ज़िक्र नहीं है। रोजमर्रा की खानपान की चीजों के दाम बढ़ गए हैं। आटा, दाल, टमाटर, प्याज, दूध, सबके दाम आसमान पर हैं। देश में परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। मणिपुर में 13 महीनों से लगातार हिंसा चल रही है। 221 लोगों की जान गई है, अभी भी 50,000 लोग बेघर हैं। भीषण रेल दुर्घटना व ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा हुई है। बहुप्रचारित "कवच" सुरक्षा अभी केवल दो फीसदी पटरियों पर लगी है। पिछले 10 वर्षों में जम्मू और कश्मीर में 2,262 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 363 नागरिक मारे गए और 596 जवान शहीद हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों पर आए दिन हमले हुए हैं।

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Created On :   27 Jun 2024 4:27 PM IST

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