राष्ट्रीय: पांच सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई : अमित शाह

पांच सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के संपन्न हो जाने को पांच सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा पूर्ण होने की बात कहते हुए सदियों तक इस संघर्ष और संकल्प को जीवित रखने वाले महापुरुषों को भी नमन किया है, जिन्होंने अनेक अपमान और यातनाएं सहने के बावजूद धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा।

नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के संपन्न हो जाने को पांच सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा पूर्ण होने की बात कहते हुए सदियों तक इस संघर्ष और संकल्प को जीवित रखने वाले महापुरुषों को भी नमन किया है, जिन्होंने अनेक अपमान और यातनाएं सहने के बावजूद धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा।

शाह ने इस घड़ी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद, हजारों श्रेष्ठ संत और असंख्य नामी-गुमनामी लोगों के संघर्ष का आज सुखद व सुफल परिणाम आया है।

नई दिल्ली के ऐतिहासिक बिरला मंदिर में दर्शन व पूजा-अर्चना करने के बाद अमित शाह ने मंदिर से ही पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं श्रद्धालुओं के साथ अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रम को लाइव भी देखा।

इसके बाद शाह ने अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कार्यक्रम की तस्वीरों को शेयर करते हुए एक्स पर पोस्ट कर कहा, "जय श्री राम… 5 सदी की प्रतीक्षा और प्रतिज्ञा आज पूर्ण हुई। आज का दिन करोड़ों रामभक्तों के लिए कभी ना भूलने वाला दिन है। आज जब हमारे रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं, तब असंख्य रामभक्तों की तरह मैं भी भावविभोर हूं। इस भावना को शब्दों में समेट पाना संभव नहीं है। इस पल की प्रतीक्षा में न जाने हमारी कितनी पीढियां खप गईं, लेकिन, कोई भी डर और आतंक रामजन्मभूमि पर फिर से मंदिर बनाने के संकल्प और विश्वास को डिगा नहीं पाया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह संकल्प सिद्ध हुआ है। इसके लिए मैं हृदय की गहराइयों से उनका आभार व्यक्त करता हूं।"

शाह ने राम मंदिर के लिए सदियों तक संघर्ष करने वाले महापुरुषों को नमन करते हुए आगे कहा, "आज के इस पावन दिन मैं सदियों तक इस संघर्ष और संकल्प को जीवित रखने वाले महापुरुषों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने अनेक अपमान और यातनाएं सहीं, पर धर्म का मार्ग नहीं छोड़ा। विश्व हिंदू परिषद, हजारों श्रेष्ठ संत और असंख्य नामी-गुमनामी लोगों के संघर्ष का आज सुखद व सुफल परिणाम आया है। यह विशाल श्रीराम जन्मभूमि मंदिर युगों-युगों तक अविरल अविनाशी सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक रहेगा। जय श्री राम।"

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Created On :   22 Jan 2024 9:21 PM IST

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