राजनीति: जीतन राम मांझी का चिराग पासवान पर तंज, 'एनडीए में 15 अगस्त तक सीट शेयरिंग पर बात हो जाएगी'

पटना, 26 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बिहार की सरकार और आपराधिक घटनाओं को लेकर दिए गए बयान पर सियासत तेज हो गई है। इसे लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने प्रतिक्रिया दी है।
जीतन राम मांझी ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देखिए, चिराग का राजनीतिक जीवन छोटा है। उनके पिता रामविलास पासवान का राजनीतिक जीवन बड़ा था। वह तुलना कर सकते थे कि बिहार में 2005 से पहले क्या था और अब क्या है। हम भी 44 साल से राजनीति में हैं और बहुत उठापटक देख चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार की कानून व्यवस्था पर अभी उतनी सोचने की बात नहीं है, जो 2005 से पहले थी। यहां तक कि हाईकोर्ट ने कहा था कि बिहार में जंगलराज है। आज हाईकोर्ट ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की। आज कानून व्यवस्था पहले से बेहतर है। पहले क्राइम करने के बाद अपराधी सीएम हाउस जाते थे, जहां पीड़िता को बुलाकर समझौता कराया जाता था। आज वो बात नहीं है। आज किसी के पास हिम्मत नहीं है कि वो सीएम हाउस जाए। चिराग पासवान को मालूम नहीं है कि पहले और अब में क्या बदलाव हुआ है? उनमें अनुभव की कमी है।
उन्होंने गयाजी में हुई गैंगरेप घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस घटना के आरोपी पकड़े गए हैं, उन्हें जल्दी ही सजा मिलेगी। कानून व्यवस्था खराब हो सकती है, लेकिन उस पर तुरंत कार्रवाई हो रही है, सरकार अपना काम कर रही है।
जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर कहा कि वे 2020 में भी ऐसी कोशिश कर चुके हैं। एनडीए के नेता केंद्र में नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार हैं। वे एनडीए के नेताओं की बैठक में अपनी बात रख सकते हैं कि उनको कितनी सीट चाहिए, लेकिन सीट के लिए इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। जहां तक एनडीए में सीट शेयरिंग का सवाल है तो संसद का मानसून सत्र चल रहा है। जुलाई में बैठक होने वाली है। अगर इस महीने बैठक नहीं हुई तो सीट शेयरिंग पर 15 अगस्त तक बात हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि जहां तक मेरी बात है तो हम एनडीए के अनुशासित सिपाही हैं। हम एनडीए की बैठक में अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बन गए हैं। यह देश का सौभाग्य है कि ऐसे प्रधानमंत्री हुए हैं, जो लोकप्रियता में सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को दूसरा अंबेडकर कहना उचित नहीं है। मैं तो इतना ही जानता हूं कि वे विदेश में जाकर देश की बुराई करते हैं।
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Created On :   26 July 2025 6:58 PM IST