राष्ट्रीय: प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ को दी माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ को दी माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात
छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार की शाम को राजकोट से राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में स्थित छत्तीसगढ़ के प्रथम माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया।

रायपुर, 25 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार की शाम को राजकोट से राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में स्थित छत्तीसगढ़ के प्रथम माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ही समय में देश के विभिन्न शहरों में अनेक लोकार्पण और शिलान्यास कर नई परंपरा की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि ऐसे ही तेज गति से कार्य कर विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हम प्रत्येक नागरिक को शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बेहतर स्वास्थ्य की संकल्पना पूरी हो सके, इसके लिए यह लैब खाद्य सुरक्षा के लिए एक कवच का काम करेगी।

ज्ञात हो कि दिसंबर 2006 से कालीबाड़ी रायपुर स्थित नवीन भवन में खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का संचालन किया जा रहा है। आज प्रधानमंत्री ने माइक्रोबायोलॉजी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला की सौगात दी। यह प्रयोगशाला खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली की अतिरिक्त वित्तीय सहायता चार करोड़ 33 लाख रुपये से तैयार की गई है। यह प्रदेश की प्रथम खाद्य माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है। खाद्य पदार्थों एवं पेयजल को हानिकारक सूक्ष्म-जीवाणुओं द्वारा दूषित कर दिया जाता है, जिससे जन-सामान्य को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना रहती है।

खाद्य जनित बीमारियां, जैसे उल्टी, डायरिया, टाइफाइड, बुखार, हैजा, त्वचा संबंधित बीमारियां आदि होती हैं। इस प्रयोगशाला में पहले रासायनिक परीक्षण, हैवी मेटल, पेस्टीसाइड और विटामिनों का परीक्षण होता था, लेकिन माइक्रोबायोलॉजिकल मानकों की जांच नहीं होती थी। अब आधुनिक मशीनों से सुसज्जित माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला शुरू होने से खाद्य पदार्थों को दूषित करने वाले बैक्टीरिया, फंगस, यीस्ट, मोल्ड आदि की जांच हो सकेगी।

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Created On :   26 Feb 2024 7:40 AM GMT

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