राष्ट्रीय: रैट माइनर वकील हसन से मिले भाजपा सांसद मनोज तिवारी

रैट माइनर वकील हसन से मिले भाजपा सांसद मनोज तिवारी
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने रैट माइनर वकील हसन से मुलाकात की। उनका घर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अवैध बताते हुए बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद उनका परिवार फुटपाथ पर अपनी रात गुजार रहा है। हालांकि, डीडीए की तरफ से उन्हें नरेला में एक फ्लैट देने का ऑफर दिया गया, जिसे हसन ने बहुत दूर और असुरक्षित बताते हुए ठुकरा दिया था।

नई दिल्ली, 2 मार्च (आईएएनएस)। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने रैट माइनर वकील हसन से मुलाकात की। उनका घर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अवैध बताते हुए बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद उनका परिवार फुटपाथ पर अपनी रात गुजार रहा है। हालांकि, डीडीए की तरफ से उन्हें नरेला में एक फ्लैट देने का ऑफर दिया गया, जिसे हसन ने बहुत दूर और असुरक्षित बताते हुए ठुकरा दिया था।

इसी बीच मनोज तिवारी ने शनिवार को वकील हसन से मुलाकात की और उनका हालचाल भी जाना।

इसके बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ''जो कुछ भी वकील हसन के साथ हुआ है, वह दुखद है। जो हुआ है, वो न्याय नहीं, बल्कि अन्याय है। जिन लोगों ने ऐसा किया है, उनके ऊपर जांच बैठा दी गई है। जो इसमें दोषी है, उन्हें सजा जरूर मिलेगी। क्योंकि ऐसी आबादी में सिर्फ एक घर तोड़कर जाना, ये न्याय संगत नहीं है। मैंने पहले भी कहा था रैट माइनर हमारे हीरो हैं।''

उन्होंने आगे कहा, ''रैट माइनर का घर तोड़े जाने से एलजी दुखी और आश्चर्यचकित हैं कि ऐसे कैसे किया गया। हमारे लिए बहुत दुखद समाचार है, हम इस परिवार के लिए मुआवजे की व्यवस्था करेंगे। एलजी इस तरह की किसी भी घटना पर बयान नहीं देते हैं, जिसका मतलब इस घटना से प्रधानमंत्री मोदी को भी अवगत कराया गया होगा। इनका घर लंबे समय से बना हुआ है और प्रधानमंत्री उदय योजना के तहत वकील हसन को भी अपने घर में रहने का अधिकार है। उसके बाद भी विशेष तौर पर एक घर तोड़ा गया है।''

उन्होंने आगे कहा, ''सरकार ने तुरंत वकील हसन को रोहिणी में एक घर दिया। हम भी मानते हैं कि जो लंबे वक्त से यहां रह रहा है, वो कहीं और कैसे रहेगा। एलजी साहब ने उनके लिए यहीं रहने की व्यवस्था करने की बात कही। हमारे लिए बहुत दुखदायी है कि ऐसे हीरो टेंट में पड़े हुए हैं। हम इस तरह का दुख बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।''

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में उत्तराखंड के सिल्क्यारा टनल में 41 मजदूर फंस गए थे। करीब 17 दिनों के इंतजार के बाद सभी श्रमिक सकुशल सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए थे। उन श्रमिकों को रैट माइनर्स की सहायता से बाहर निकाला गया था। इन रैट माइनर्स में से एक वकील हसन भी थे, जो राजधानी दिल्ली में रहते हैं।

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Created On :   2 March 2024 10:43 PM IST

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