राजनीति: शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने बताया कैसा था पीएम मोदी के साथ बिताया उनका पल

शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने बताया कैसा था पीएम मोदी के साथ बिताया उनका पल
भारतीय शतरंज के ग्रैंडमास्टर और पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिताए गए पलों को साझा किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिताए पलों को अपने जीवन का सर्वाधिक सुखमय, अभूतपूर्व और आनंददायक पल बताया। इस बीच, उन्होंने साल 2010 में गुजरात में आयोजित हुए शतरंज महोत्सव का भी जिक्र किया।

नई दिल्ली, 12 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय शतरंज के ग्रैंडमास्टर और पांच बार के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बिताए गए पलों को साझा किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिताए पलों को अपने जीवन का सर्वाधिक सुखमय, अभूतपूर्व और आनंददायक पल बताया। इस बीच, उन्होंने साल 2010 में गुजरात में आयोजित हुए शतरंज महोत्सव का भी जिक्र किया।

दरअसल, मोदी स्टोरी नामक हैंडल से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विश्वनाथन आनंद का पुराना वीडियो साझा किया गया है, जिसमें वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ बिताए गए पलों के बारे में विस्तार से बताते हुए नजर आ रहे हैं।

शतरंज के चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने कहा, ''जब मेरी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात हुई थी, तो उन दिनों स्कूल में बच्चों को चेस के बारे में बताने के लिए ‘माइन चैंपियन एकेडमी’ का आयोजन किया गया था। हम इसे गुजरात सरकार में भी प्रस्तावित करना चाहते थे। सुबह हमें अपना अपॉइंटमेंट मिल जाता था। हम 10:45 पर दफ्तर पहुंच जाया करते थे। 11 बजे हम सभी मीटिंग रूम में जाते थे। हम सभी तैयार हो जाते थे। इसके बाद मुख्यमंत्री अपने तय समय सीमा पर पहुंच जाया करते थे, लेकिन मीटिंग ज्यादा समय तक नहीं होती थी और हमें बैठक के बाद शेष दिशा-निर्देश सरकार की ओर से मिल जाया करता था। सब कुछ अपने समय पर होता था, जिसे देखकर मैं बहुत प्रभावित होता था।"

वहीं, उन्होंने आगे एक किस्सा बताते हुए कहा, ''एक दिन मैंने ऐसे ही मीटिंग में कह दिया कि मुझे गुजराती थाली अच्छी लगती है, तो इस पर उन्होंने (नरेंद्र मोदी) मुझसे फौरन कहा कि अच्छा तो चलो। इसके बाद हम गेस्ट हाउस गए और वहां हमने साथ में खाना खाया। उनके अंदर दो गुण मैंने देखा। एक तरफ जहां वो अपने काम को लेकर प्रभावशाली और गंभीर थे, तो दूसरी तरफ काफी फनी भी थे।''

विश्वनाथन आनंद आगे कहते हैं, "इसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि क्यों ना कुछ बड़ा किया जाए, तो उन्होंने चेस महोत्सव का आयोजन करने का फैसला किया। 24 दिसंबर 2010 को इसका आयोजन किया गया। स्टेडियम में करीब 20 हजार लोग थे। सभी आयोजनकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने के मकसद से अच्छी तैयारी की थी। सभी को बस से स्टेडियम लाया गया था। इस बड़े कार्यक्रम के आयोजन के लिए हमारा नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया, तो कुल मिलाकर चेस ओलंपिक दूसरे ओलंपिक से कई मायनों में अलग था।"

आनंद कहते हैं, "आज की तारीख में जब आप खेल जगत में बेहतर करते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आप से खुद निजी तौर पर संपर्क स्थापित करते हैं, जो कि एक स्पोर्ट्स पर्सन के लिए बड़ी बात है। इससे एक खिलाड़ी का मनोबल बढ़ता है।"

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Created On :   12 March 2024 10:03 AM GMT

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