अंतरराष्ट्रीय: जेनेवा में जातीय अल्पसंख्यकों के शिक्षा के अधिकार की रक्षा पर चीन के रिसर्च पेपर पेश
बीजिंग, 15 मार्च (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र के दौरान चीनी मानवाधिकार अनुसंधान सोसायटी द्वारा आयोजित "आधुनिक विकास में जातीय अल्पसंख्यकों के शिक्षा का अधिकार - चीन के तिब्बत और शिनच्यांग को उदाहरण के रूप में लेना" विषय पर एक साइड इवेंट जिनेवा में आयोजित किया गया।
चीन के तिब्बत और शिनच्यांग के अभ्यास के आधार पर विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के कई चीनी विशेषज्ञों और विद्वानों ने आधुनिकीकरण के विकास के दौरान जातीय अल्पसंख्यकों के शिक्षा के अधिकार की चीन की सुरक्षा के शोध परिणाम प्रस्तुत किए।
चीनी मानवाधिकार अनुसंधान सोसायटी की उप महासचिव वांग यानवेन ने कहा कि आधुनिकीकरण मानव समाज के उच्च गुणवत्ता वाले विकास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और आधुनिकीकरण को साकार करने में शिक्षा एक महत्वपूर्ण कारक है। आज मानव सभ्यता की प्रक्रिया तेज़ हो रही है। जातीय अल्पसंख्यकों के शिक्षा के अधिकार ने बहुत ध्यान आकर्षित किया है और यह चीन और दुनिया के आधुनिकीकरण के विकास की प्रक्रिया से संबंधित है।
चीन तिब्बतोलॉजी अनुसंधान केंद्र के शोधकर्ता लिआंग जुनयान ने कहा कि तिब्बत में शिक्षा के विकास ने न केवल स्थानीय विभिन्न जातीय समूहों के लोगों की सांस्कृतिक गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि तिब्बत के आर्थिक और सामाजिक विकास और सभ्यतागत प्रगति के लिए मजबूत प्रतिभा समर्थन भी प्रदान किया है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   15 March 2024 4:27 PM IST