आईएएनएस न्यूज प्वाइंट: वाटर वूमेन शिप्रा बोलीे, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी योगी लोकप्रिय

वाटर वूमेन शिप्रा बोलीे, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी योगी लोकप्रिय
भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से रामेश्वरम तक लगभग 3,952 किमी की पदयात्रा करने वाली वॉटर वुमन के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की शिप्रा पाठक का कहना है कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी लोकप्रिय हैं। दक्षिणी राज्यों के लोग भी यूपी की कानून-व्यवस्था से काफी खुश दिखे।

लखनऊ, 28 मार्च (आईएएनएस)। भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से रामेश्वरम तक लगभग 3,952 किमी की पदयात्रा करने वाली वॉटर वुमन के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश की शिप्रा पाठक का कहना है कि कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी लोकप्रिय हैं। दक्षिणी राज्यों के लोग भी यूपी की कानून-व्यवस्था से काफी खुश दिखे।

सरयू से सागर तक जाने वाली राम जानकी वन गमन पथ की भारत की प्रथम पदयात्री वॉटर वूमन शिप्रा पाठक ने पिछले साल 27 नवंबर को अयोध्या से यात्रा शुरू की थी। राम नाम के संकल्प के साथ उतर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पड़ने वाले राम वन गमन पद के रास्ते पर चलकर 11 मार्च को रामेश्वरम में उनकी यात्रा समाप्त हुई।

शिप्रा ने बताया कि उनकी पदयात्रा के साथ-साथ विभिन्न नदियों का जल लेकर एक वाहन भी चल रहा था, जिसपर उत्तर प्रदेश का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित था। यह कार ही उनके यूपी के होने की पहचान थी। वह जहां से भी गुजरतीं, लोग खुशी और आश्चर्य व्यक्त करते हुए ये जरूर पूछते थे कि "आप योगी जी महाराज के यूपी से आ रही हैं"?

शिप्रा ने बताया कि यूपी का होना देशभर में आज गर्व का विषय बन चुका है। अयोध्या से रामेश्वरम तक हर किसी के मन में आदर का भाव देखने को मिला। ज्यादातर लोग यूपी की कानून-व्यवस्था और अयोध्या श्रीराम मंदिर की चर्चा और सराहना करते थे।

शिप्रा पाठक ने बताया कि उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत को भविष्य में होने वाले जल संकट से बचाने के लिए अध्यात्म जागरण से पर्यावरण जागरण की यात्रा है।

शिप्रा ने बताया कि उनकी संस्था पंचतत्व के माध्यम से जल संकट को दूर करने के लिए अभियान चला रही है। राम-जानकी वन गमन यात्रा के जरिए वह देश में राम-जानकी वन वाटिका लगाने का संकल्प ले चुकी हैं। शिप्रा के अनुसार, औषधीय पौधों को संरक्षण देने के लिए इसे आध्यात्मिक स्थलों के साथ जोड़ना होगा। राम-जानकी वन गमन यात्रा के दौरान जहां भी शिलाएं स्थापित की जा रही हैं वहां की सरकार और प्रशासन से मिलकर उन स्थानों पर वाटिकाएं विकसित की जाएंगी।

सोशल एक्टिविस्ट शिप्रा पाठक मूल रूप से यूपी के दातागंज (बदायूं) की रहने वाली हैं। उन्होंने इंग्लिश लिट्रेचर से पोस्ट ग्रेजुएट किया है। इनका राजनीतिक परिवेश से भी जुड़ाव रहा है। शिप्रा की दादी स्व. संतोष कुमारी पाठक दातागंज से चार बार विधायक रह चुकी हैं। उनके नाना त्रिवेणी सहाय शर्मा भी दातागंज से विधायक रह चुके हैं। उनके पिता का भी राजनीति से संबंध रहा है। इससे इतर शिप्रा सामाजिक सरोकारों से जुड़ी रहती हैं। वह भगवा वस्त्र पहनती हैं और नदियों तथा वनस्पतियों की रक्षा और उसके संवर्धन के संकल्प के साथ अभियानों का नेतृत्व करती हैं। शिप्रा ने इससे पहले मां नर्मदा की 3,600 किमी परिक्रमा, मानसरोवर परिक्रम, मां शिप्रा परिक्रमा, सरयू पद यात्रा और ब्रज चौरासी कोसी पद यात्रा करते हुए नदियों के संरक्षण की अलख जगा चुकी हैं। शिप्रा कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित की जा चुकी हैं।

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Created On :   28 March 2024 9:06 AM GMT

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