राष्ट्रीय: भारत-उज्बेक संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए थल सेनाध्यक्ष उज़्बेकिस्तान रवाना
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे सोमवार को उज़्बेकिस्तान गणराज्य की यात्रा पर रवाना हुए। उज्बेकिस्तान में सोमवार से भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाएं संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू करने जा रही हैं। 'डस्टलिक' नाम के इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में आतंकवाद विरोधी समेत कई महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शामिल हैं। इस बार यह संयुक्त युद्धाभ्यास उज्बेकिस्तान के तरमेज जिले में हो रहा है। यह युद्धाभ्यास 15 से 28 अप्रैल 2024 तक चलेगा।
जनरल मनोज पांडे की यह यात्रा भारत और उज़्बेकिस्तान गणराज्य के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक जनरल मनोज पांडे 15 से 18 अप्रैल 2024 तक उज़्बेकिस्तान में रहेंगे। अपनी यात्रा के पहले दिन जनरल पांडे उज़्बेकिस्तान गणराज्य के शीर्ष रक्षा नेतृत्व के साथ बातचीत में शामिल होंगे। बैठकों की योजना उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव के साथ बनाई गई है।
इसके अलावा भारतीय थल सेना अध्यक्ष, उज्बेकिस्तान की अन्य वरिष्ठ मिलिट्री लीडरशिप के साथ भी चर्चा करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों के बीच होने वाला यह संवाद मजबूत सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण है। यात्रा कार्यक्रम में सशस्त्र बल संग्रहालय का दौरा शामिल है, जो उज्बेकिस्तान के समृद्ध सैन्य इतिहास और उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
16 अप्रैल 2024 को सेनाध्यक्ष भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वह द्वितीय विश्व युद्ध में उज्बेकिस्तान के योगदान और बलिदान को याद करते हुए विक्ट्री पार्क का दौरा करेंगे। उस दिन के कार्यक्रमों में सेंटर फॉर इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज एलएलसी का दौरा शामिल होगा। यहां सेनाध्यक्ष को रक्षा प्रौद्योगिकी और नवाचारों में उज़्बेकिस्तान गणराज्य द्वारा की जा रही पहलों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इसके बाद जनरल मनोज पांडे उज्बेकिस्तान सशस्त्र बल अकादमी का दौरा करेंगे और भारत की सहायता से स्थापित अकादमी में आईटी लैब का उद्घाटन करेंगे।
17 अप्रैल 2024 को समरकंद की यात्रा करते हुए जनरल पांडे सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर से मिलेंगे। यह यात्रा 18 अप्रैल 2024 को तरमेज में समाप्त होगी, जहां सीओएएस को भारत और उज़्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास डस्टलिक का भी गवाह बनना है, जो दोनों देशों के बीच विकसित अंतरसंचालनीयता और सौहार्द पर प्रकाश डालता है।
वह उज्बेकिस्तान के गौरवशाली अतीत और सांस्कृतिक परिदृश्य का प्रत्यक्ष अवलोकन करते हुए, टर्मेज़ संग्रहालय और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों का भी दौरा करेंगे।
जनरल मनोज पांडे की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते तलाशने के अलावा भारत और उज्बेकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है।
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Created On :   15 April 2024 1:23 PM IST