लोकसभा चुनाव 2024: बिहार लोकसभा चुनाव में कई नए चेहरों को मिली राजनीतिक पहचान

बिहार  लोकसभा चुनाव में कई नए चेहरों को मिली राजनीतिक पहचान
लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण के तहत शनिवार को बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है। इस चुनाव में राजनीतिक दलों ने जीत के लक्ष्य के साथ कई नए तो कई पुराने योद्धाओं को चुनावी अखाड़े में उतारा। मतगणना में 4 जून को हार-जीत किसी की भी हो, इतना तो तय है कि इस चुनाव ने कई नए चेहरों को राजनीतिक पहचान दे दी है।

पटना, 1 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण के तहत शनिवार को बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है। इस चुनाव में राजनीतिक दलों ने जीत के लक्ष्य के साथ कई नए तो कई पुराने योद्धाओं को चुनावी अखाड़े में उतारा। मतगणना में 4 जून को हार-जीत किसी की भी हो, इतना तो तय है कि इस चुनाव ने कई नए चेहरों को राजनीतिक पहचान दे दी है।

राजनीतिक दलों ने इस चुनाव में कई नए चेहरों पर दांव लगते हुए उन्हें चुनावी अखाड़े में उतारा है। राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य राजनीति में प्रवेश करते हुए सारण से मैदान में उतरीं। अपने पिता को किडनी देने के कारण रोहिणी पहले भी सुर्खियों में रह चुकी हैं, लेकिन इस चुनाव ने उन्हें राजनीति में स्थापित किया है। उन्होंने चुनावी अखाड़े में जमकर पसीना भी बहाया।

इसी तरह, समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से दो नए चेहरे भी सियासी पटल पर उभरे। यहां से लोजपा (रामविलास) के टिकट पर शांभवी चौधरी मैदान में उतरीं तो उनका मुकाबला कांग्रेस के सन्नी हजारी से हुआ।

शांभवी जहां नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल अशोक चौधरी की बेटी हैं, वहीं सन्नी हजारी दिग्गज जदयू नेता और मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र के हैं। इस चुनाव के पहले दोनों की राजनीति में कोई पहचान नहीं थी, लेकिन दोनों नए चेहरों के उतरने से समस्तीपुर की गिनती 'हॉट सीट' के रूप में हुई।

पहले भी भोजपुरी सिनेमा जगत के कई अभिनेता और गायक राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। इस चुनाव में भी भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह और गायक गुंजन सिंह ने भी अपनी राजनीतिक पहचान बनाई है। दोनों कलाकारों को हालांकि किसी पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया, लेकिन दोनों निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे हैं। पवन सिंह काराकाट से तो गुंजन नवादा से किस्मत आजमा रहे हैं।

मुंगेर संसदीय क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरीं अनिता देवी महतो ने भी इस चुनाव से अपनी राजनीतिक पहचान बनाई है। उन्होंने चुनाव से कुछ ही दिन पहले 17 साल तक जेल में रहकर बाहर आये अपराधी अशोक महतो से शादी की थी और राजद ने उन्हें टिकट थमा दिया।

बहरहाल, चुनावी अखाड़े में उतरे योद्धाओं में किसकी जीत होती है और कौन हारता है, इसका फैसला तो 4 जून को होगा, लेकिन इतना तय है कि इन नए चेहरों ने इस चुनाव से बिहार की सियासत में अपनी पहचान तो बना ही ली है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   1 Jun 2024 10:51 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story