राजनीति: कश्मीर घाटी में वोटिंग के रिकॉर्ड टूटे, लोगों को सरकार की गारंटी पर विश्वास राष्ट्रपति मुर्मू

कश्मीर घाटी में वोटिंग के रिकॉर्ड टूटे, लोगों को सरकार की गारंटी पर विश्वास  राष्ट्रपति मुर्मू
संसद में गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति ने सभी निर्वाचित सांसदों को बधाई के साथ की। राष्ट्रपति ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं। उन्होंने कहा कि बीते 4 दशकों में हमने कश्मीर में बंद और हड़ताल के बीच कम मतदान का दौर भी देखा था। भारत के दुश्मन वैश्विक मंच पर इसको जम्मू कश्मीर की राय के तौर पर दुष्प्रचारित करते रहे हैं। लेकिन इस बार कश्मीर घाटी में लोगों ने इसका करारा जवाब दिया है।

नई दिल्ली, 27 जून (आईएएनएस)। संसद में गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति ने सभी निर्वाचित सांसदों को बधाई के साथ की। राष्ट्रपति ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में वोटिंग के अनेक दशकों के रिकॉर्ड टूटे हैं। उन्होंने कहा कि बीते 4 दशकों में हमने कश्मीर में बंद और हड़ताल के बीच कम मतदान का दौर भी देखा था। भारत के दुश्मन वैश्विक मंच पर इसको जम्मू कश्मीर की राय के तौर पर दुष्प्रचारित करते रहे हैं। लेकिन इस बार कश्मीर घाटी में लोगों ने इसका करारा जवाब दिया है।

उन्होंने कहा कि 2024 चुनाव की चर्चा पूरी दुनिया में है। दुनिया देख रही है कि भारत के लोगों ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई है। 6 दशक बाद ऐसा हुआ है। भारत के लोगों को यह पूर्ण विश्वास है कि उनकी आकांक्षाएं सिर्फ मेरी सरकार ही पूरा कर सकती है। इसलिए 2024 का यह चुनाव नीति, नियत, निष्ठा और निर्णयों पर विश्वास का चुनाव रहा है। मजबूत और निर्णायक सरकार में विश्वास, सुशासन, स्थिरता और निरंतरता में विश्वास, ईमानदारी और कड़ी मेहनत में विश्वास, सुरक्षा और समृद्धि में विश्वास, सरकार की गारंटी और डिलीवरी में विश्वास, विकसित भारत के संकल्प में विश्वास।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने बीते 10 वर्षों में सेवा और सुशासन का जो मिशन चलाया है, यह उस पर मुहर है। राष्ट्रपति ने कहा कि 18वीं लोकसभा कई मायनों में एक ऐतिहासिक लोकसभा है। यह लोकसभा अमृत काल के शुरुआती वर्षों में गठित हुई है। यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 75वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी।

आगामी सत्र में मेरी सरकार इस कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है। यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। इस बजट में बड़े आर्थिक और सामाजिक निर्णयों के साथ ही अनेक ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे। रिफंड की गति अब और तेज की जाएगी। राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर में निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्यों में स्वस्थ स्पर्धा हो। राज्यों के विकास से देश का विकास हम इसी भावना से आगे बढ़ते रहेंगे।

राष्ट्रपति ने बताया कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है। बीते कुछ वर्षों में भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है। वैश्विक महामारी का सामना करने के बावजूद भारत ने यह विकास दर हासिल की है। आज भारत अकेले ही विश्व के ग्रोथ में 15 फीसदी का योगदान दे रहा है। मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाने में जुटी हुई है। इस लक्ष्य की प्राप्ति विकसित भारत की नींव को भी मजबूत करने का काम करेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज और कृषि को बराबर महत्व दे रही है। निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। चाहे सेमीकंडक्टर हो, सोलर हो, इलेक्ट्रिक व्हीकल हो, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, ग्रीन हाइड्रोजन हो या बैटरी हो, एयरक्राफ्ट कैरियर हो, या फाइटर जेट हो, भारत इन सब सेक्टर में अपना विस्तार कर रहा है।

राष्ट्रपति ने बताया कि लॉजिस्टिक की लागत को कम करने के लिए भी सरकार लगातार कार्य कर रही है। सरकार सर्विस सेक्टर को भी मजबूत करने में जुटी है। आज आईटी से लेकर टूरिज्म तक, हेल्थ से लेकर वैलनेस तक हर सेक्टर में भारत लीडर बन रहा है। इससे रोजगार और स्वरोजगार के नए मौके बन रहे हैं।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास पर जोर दिया गया है। गांव में डेयरी और फिशरी संबंधित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है। सरकार छोटे किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण व्यवस्था पर काम कर रही है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अभी तक 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जा चुकी है। मेरी सरकार के नए कार्यकाल के शुरुआत में ही किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है। सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड वृद्धि की है।

आज का भारत कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है। निर्यात बढ़ाने को लेकर नीतियां बनाई गई हैं। दलहन और तिलहन का उत्पादन को बढ़ाने के लिए हम किसानों की मदद कर रहे हैं। विश्व में ऑर्गेनिक उत्पादों की डिमांड पूरी करने के लिए भारतीय किसानों के पास पूरी क्षमता है।

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Created On :   27 Jun 2024 12:36 PM IST

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