समाज: मन की बात में पीएम मोदी बोले - भारत के उत्पादों की विदेशों में बहुत मांग; बताई अराकू कॉफी, स्नो पी की खासियत

पीएम नरेंद्र मोदी ने चार महीने के लंबे अंतराल के बाद रविवार को 'मन की बात' के 111वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के उत्पादों की विदेशों में मांग का जिक्र किया।

नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। पीएम नरेंद्र मोदी ने चार महीने के लंबे अंतराल के बाद रविवार को 'मन की बात' के 111वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के उत्पादों की विदेशों में मांग का जिक्र किया।

पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के कई उत्पादों की दुनिया भर में बहुत मांग है। जब हम भारत के किसी लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल होते देखते हैं, तो गर्व से भर जाना स्वाभाविक है। ऐसा ही एक प्रोडक्ट है अराकू कॉफी।

आंध्र प्रदेश के अल्लुरी सीता राम राजू जिले में अराकू कॉफी बड़ी मात्रा में पैदा होती है। ये अपने रिच फ्लेवर और खुशबू के लिए जानी जाती है। अराकू कॉफी की खेती से करीब डेढ़ लाख आदिवासी परिवार जुड़े हुए हैं।

अराकू कॉफी को नई ऊंचाई देने में गिरिजां कॉपरेटिव की बहुत बड़ी भूमिका रही है। इसने यहां के किसान भाई-बहनों को एक साथ लाने का काम किया और उन्हें अराकू कॉफी की खेती के लिए प्रोत्साहन दिया।

इससे इन किसानों की कमाई भी बहुत बढ़ गई है। इसका बहुत लाभ कोंडा डोरा आदिवासी समुदाय को भी मिला है। कमाई के साथ साथ उन्हें सम्मान का जीवन भी मिल रहा है।

पीएम ने कहा कि उन्हें याद है एक बार विशाखापट्टनम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ उन्हें इस कॉफी का स्वाद लेने का मौका मिला था। कमाल की कॉफी होती है यह! अराकू कॉफी को कई ग्लोबल अवार्ड मिले हैं। दिल्ली में हुई जी-20 समिट में भी कॉफी छाई हुई थी।

उन्होंने लोगों से अराकू कॉफी का आनंद लेने की अपील की। पीएम मोदी ने आगे कहा कि लोकल प्रोडक्ट्स को ग्लोबल बनाने में जम्मू-कश्मीर के लोग भी पीछे नहीं हैं। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर ने जो कर दिखाया है, वह देशभर के लोगों के लिए भी एक मिसाल है।

पुलवामा से स्नो पी की पहली खेप लंदन भेजी गई। कुछ लोगों को ये विचार सूझा कि कश्मीर में उगने वाली खास सब्जियों को क्यूं ना दुनिया के नक्शे पर लाया जाए। बस फिर क्या था, चकूरा गांव के अब्दुल राशिद मीर इसके लिए सबसे पहले आगे आए। उन्होंने गांव के अन्य किसानों की जमीन को एक साथ मिलाकर स्नो पी उगाने का काम शुरू किया।

देखते ही देखते स्नो पी कश्मीर से लंदन तक पहुंचने लगी। इस सफलता ने जम्मू-कश्मीर के लोगों की समृद्धि के लिए नए द्वार खोले हैं। हमारे देश में ऐसे यूनिक प्रोडक्ट्स की कमी नहीं है। आप ऐसे प्रोडक्ट्स को 'माईप्रोडक्टमाईप्राइड' के साथ जरूर शेयर करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस विषय पर आने वाले 'मन की बात' में भी चर्चा करेंगे।

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Created On :   30 Jun 2024 1:20 PM IST

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