राजनीति: महिला अत्याचारों के प्रति विपक्ष का सेलेक्टिव रवैया पीएम मोदी
नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बुधवार को बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाया।
उन्होंने कहा कि अगले पांच साल बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने और गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए हैं। अगले पांच वर्षों में यह देश गरीबी के खिलाफ विजयी होकर उभरेगा और यह बात मैं पिछले दस वर्षों के अनुभव के आधार पर कह रहा हूं। जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा तो इसका असर जीवन के हर क्षेत्र पर पड़ेगा। भारत ने महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं। हमने महिलाओं के स्वास्थ्य, स्वच्छता और कल्याण के क्षेत्र में भी काम किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के मूलमंत्र के आधार पर सभी नागरिकों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की हिमायती रही है। इस लक्ष्य के साथ राष्ट्र सेवा की यात्रा को विस्तार देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। दिव्यांग भाई-बहनों की कठिनाइयों को समझते हुए हमने उनके लिए सम्मानजनक जीवन की दिशा में काम किया है। हमारे समाज में किसी न किसी कारण से एक उपेक्षित वर्ग ट्रांसजेंडर का है। हमारी सरकार ने ट्रांसजेंडर लोगों के लिए कानून बनाने का काम किया है। पश्चिम के लोग भी हैरान हैं कि भारत इतना प्रगतिशील है। पद्म पुरस्कारों में भी ट्रांसजेंडरों को अवसर देने के लिए हमारी सरकार आगे आई है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि हमारी महिलाएं हर नए क्षेत्र का नेतृत्व करें। नई प्रौद्योगिकियां उभर रही हैं, लेकिन वे अक्सर महिलाओं के लिए देर से आती हैं। हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को नई तकनीक के साथ पहला अवसर मिले। 'नमो ड्रोन दीदी' जैसी पहल के माध्यम से यह प्रयास सफलतापूर्वक आगे बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि मैं किसी राज्य के खिलाफ नहीं बोल रहा हूं, न ही कोई राजनीतिक हिसाब चुकता करने के लिए बोल रहा हूं। कुछ समय पहले मैंने सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की कुछ तस्वीरें देखी। एक महिला को सरेआम सड़क पर पीटा जा रहा है, बहन चीख रही है। वहां खड़े लोग उसकी मदद के लिए नहीं आ रहे हैं, वीडियो बना रहे हैं। ये देश का दुर्भाग्य है कि जब संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति होती है, तो देशवासियों और विशेषकर महिलाओं को अकल्पनीय पीड़ा होती है। महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के प्रति विपक्ष का ये सेलेक्टिव रवैया चिंताजनक है।
पीएम मोदी ने कहा कि गरीबों के नाम पर बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। लेकिन, मेरे रेहड़ी-पटरी वालों को कभी बैंक का दरवाजा देखने की हिम्मत नहीं हुई। देश में पहली बार पीएम सम्मान निधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों के लिए चिंता दिखाई गई है। आज ब्याज की बेड़ियों से बाहर निकलकर रेहड़ी-पटरी वाले जो फुटपाथ पर बैठते थे, वे अपनी मेहनत और ईमानदारी की बदौलत बैंकों से लोन लेकर दुकान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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Created On :   3 July 2024 1:51 PM IST