राजनीति: सर्वदलीय बैठक में उठी बिहार, आंध्र प्रदेश, ओडिशा के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग

संसद के 22 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। इनमें केंद्र सरकार में सहयोगी एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। संसद के 22 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की। इनमें केंद्र सरकार में सहयोगी एनडीए के घटक दल भी शामिल हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी।

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, ''रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज हुई सर्वदलीय बैठक में जदयू नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेता ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। हैरानी की बात यह है कि टीडीपी नेता इस मामले पर चुप रहे।''

कुछ देर बाद एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, "राजनीतिक परिदृश्य किस तरह बदल गया है। सर्वदलीय बैठक में बीजू जनता दल के नेता ने रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था।"

इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत पाने के बाद अब ओडिशा में भाजपा सत्ता में है।

सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। इसमें सरकार की तरफ से राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान सहित कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद हैं।

कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, डीएमके से तिरुचि शिवा एवं टी.आर. बालू, आप से संजय सिंह और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों से भी कई नेता बैठक में मौजूद हैं। तृणमूल कांग्रेस से कोई भी नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुआ है।

सरकार का मकसद सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों को सत्र के सरकार के एजेंडे और विधेयकों के बारे में जानकारी देना है। बैठक में विपक्षी दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने देने का भी अनुरोध किया जाएगा। विपक्षी दल भी अपने-अपने एजेंडे सामने रखेंगे जिन पर वे सदन में चर्चा चाहते हैं।

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, मानसून सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की 16-16 बैठकें होंगी। पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगी।

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Created On :   21 July 2024 1:18 PM IST

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