राजनीति: उद्धव ठाकरे से मिले अबू आजमी, भाजपा प्रवक्ता बोले, "चंद वोटों के लिए समझौता शर्मनाक"

उद्धव ठाकरे से मिले अबू आजमी, भाजपा प्रवक्ता बोले, चंद वोटों के लिए समझौता शर्मनाक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को सपा नेता अबू आसिम आजमी की उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर हैरानी जताई है। दोनों को बाला साहेब ठाकरे का दौर याद दिलाया और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख के इस कदम को शर्मनाक बताया।

नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने रविवार को सपा नेता अबू आसिम आजमी की उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर हैरानी जताई है। दोनों को बाला साहेब ठाकरे का दौर याद दिलाया और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख के इस कदम को शर्मनाक बताया।

शहजाद पूनावाला ने अपने वीडियो बयान में कहा, उद्धव जी और उद्धव सेना आप वोटों के लिए और वोट बैंक के लिए किस हद तक समझौता करेंगे। समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अबू आजमी से आप बाला साहेब ठाकरे के चित्र के सामने मिले।

पूनावाला ने कहा, अबू आजमी ने स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे को गालियां दी थीं। वहीं अबू आजमी, जिन्होंने विधानसभा में कहा कि मैं वंदे मातरम नहीं बोलूंगा। वही अबू आजमी, जो आतंकियों की पैरवी करते हैं और कहते हैं कि याकूब मेमन जो मुंबई का हत्यारा था उसे फांसी नहीं मिलनी चाहिए।

भाजपा प्रवक्ता ने उद्धव पर समझौते की राजनीति का आरोप लगाया। बोले, अबू आजमी राम मंदिर के विरोध में भी बयान देते हैं। उस अबू आजमी से आपने मुलाकात की। कहां तक ये समझौतों की राजनीति करोगे। हिंदुत्व को गाली देने वाले कांग्रेस पार्टी के साथ मिल गए।

सावरकर को कायर और डरपोक कहने वाले राहुल गांधी के साथ आप मिल गए और आज आप अबू आजमी से मिले। यह शर्मनाक है, ये हिंदुत्व के साथ समझौता है। केवल चंद वोटों के लिए।

बता दें कि इससे पहले शहजाद पूनावाला ने तृणमूल कांग्रेस द्वारा 21 जुलाई के दिन को शहीद दिवस के तौर पर मनाने पर कटाक्ष किया था। शहजाद पूनावाला ने वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) तो लेफ्ट दलों से भी ज्यादा हिंसक हो गई है। इसलिए उन्हें शहीद दिवस की बजाय आत्मनिरीक्षण दिवस मनाना चाहिए।

उन्होंने टीएमसी पर राजनीतिक हिंसा का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, टीएमसी का कहना है कि 21 जुलाई को वे शहीद दिवस के रूप में मनाएंगे, शहीदों को याद करेंगे। आज याद करने का या शहीद दिवस मनाने का दिन नहीं बल्कि आत्मनिरीक्षण का दिन होना चाहिए। क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने लेफ्ट पार्टियों से भी ज्यादा हिंसक रूप अपनाया है। राज्य में राजनीतिक हत्याएं हुई हैं और हर चुनाव में राजनीतिक हिंसा देखने को मिली है।

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Created On :   21 July 2024 1:41 PM IST

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