बॉलीवुड: यूं ही नहीं कहा गया सोनू सूद को 'गरीबों का मसीहा', किसी को दिया ट्रैक्टर तो किसी का कराया ऑपरेशन

यूं ही नहीं कहा गया सोनू सूद को गरीबों का मसीहा, किसी को दिया ट्रैक्टर तो किसी का कराया ऑपरेशन
'गरीबों का मसीहा' कहे जाने वाले एक्टर सोनू सूद आज अपना 51वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड में बेशक ज्यादातर विलेन का किरदार निभाया हो, लेकिन असल जिंदगी में वह किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। कोरोना काल में सोनू सूद जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने की कोशिश में लगे रहे और यह सिलसिला अब भी जारी है।

मुंबई, 30 जुलाई (आईएएनएस)। 'गरीबों का मसीहा' कहे जाने वाले एक्टर सोनू सूद आज अपना 51वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। उन्होंने बॉलीवुड में बेशक ज्यादातर विलेन का किरदार निभाया हो, लेकिन असल जिंदगी में वह किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। कोरोना काल में सोनू सूद जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने की कोशिश में लगे रहे और यह सिलसिला अब भी जारी है।

सोनू सूद ने देश के कोने-कोने से मदद की गुहार लगा रहे लोगों की मदद की। आज हम आपको उनके कुछ ऐसे कदम के बारे में बताएंगे, जिन्होंने लोगों का दिल जीत लिया।

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले से एक किसान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें बैल की जगह किसान अपनी बेटियों से हल जोतने के लिए मजबूर था। उसके पास बैलों को किराये पर लेने तक के पैसे नहीं थे। जब यह वीडियो सोनू ने देखा, तो उस परिवार को ट्रैक्टर भेज दिया।

एक्टर ने रीट्वीट करते हुए लिखा, ''इस परिवार को बैल के जोड़े की जरूरत नहीं है... उसे एक ट्रैक्टर की जरूरत है। इसलिए आपको एक ट्रैक्टर भेज रहा हूं। शाम तक एक ट्रैक्टर आपके खेत को जोत रहा होगा। खुश रहो।''

सोनू के इस कदम की लोगों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी तारीफ की थी।

सोनू सूद लॉकडाउन में एक युवक को इंडोनेशिया से भारत वापस लेकर आए थे। यूपी के बस्ती के रहने वाले शिवम मिश्रा बैडमिंटन प्लेयर है और वह ट्रेनिंग के लिए इंडोनेशिया गया था, लेकिन लॉकडाउन के चलते वह वहां फंस गया। अपने बेटे को वापस लाने के लिए पिता ने सभी से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। वह शिवम को वापस लाने के लिए जमीन बेचने को भी तैयार थे। लेकिन सोनू सूद ने उनके बेटे को वापस लाने का वादा किया।

भारत वापस आने पर शिवम मिश्रा ने ट्वीट में लिखा, 'सोनू सर, मैं 6 महीने से इंडोनेशिया में फंसा था। सभी सरकारों से महीनो मिन्नतें कर हार गया था। पिताजी मुझे वापस लाने के लिए जमीन बेचने तक के लिए तैयार थे, लेकिन आपने आज मुझे मेरे देश हिंदुस्तान वापस लाकर ये साबित कर दिया कि आपसे बड़ा हीरो ना कोई था, ना है, ना कभी होगा।''

इसके अलावा, सोनू सूद ने एक छात्र की यूपीएससी की किताबें खरीदने में मदद की। छात्र ने एक्टर से मदद मांगते हुए ट्वीट किया, ''सर प्लीज मुझे यूपीएससी की किताबें खरीदने में मदद करें। मैं इन किताबों के बगैर तैयारी शुरू नहीं कर सकता।'' छात्र की इस अपील पर उन्होंने ट्वीट कर उससे उसका पता मांगा और कहा कि किताबें आपके दरवाजे तक पहुंच जाएंगी।

सोनू सूद ने महज 22 महीने के बच्चे की भी मदद की। जयपुर के रहने वाले बच्चे को स्पाइनल मसल एट्रोफी टाइप 2 बीमारी थी, उन्होंने बच्चे के लिए दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शन का इंतजाम किया। उन्होंने तीन महीने में 9 करोड़ रुपये का चंदा जुटाया।

सोनू सूद ने बिहार की चहुंमुखी बच्ची का ऑपरेशन करा कर उसे नई जिंदगी देने में मदद की। चहुंमुखी जन्म के साथ 4 पैर और 4 हाथ वाली थी। उसके पेट से दो हाथ और दो पैर बाहर निकले हुए थे। जब यह वीडियो सोनू सूद ने देखा तो उसकी मदद करने के लिए आगे आए।

बता दें कि सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, इस दौरान उनका लगाव एक्टिंग की ओर बढ़ा और वह अभिनेता बनने का सपना लेकर साल 1996 में मुंबई में आ गए।

उन्होंने साल 2002 में फिल्म 'शहीद-ए-आजम' से बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग डब्यू की। इसमें उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेनानी 'भगत सिंह' का रोल निभाया। वहीं साल 2004 में फिल्म 'युवा' में अभिषेक बच्चन के भाई का रोल अदा किया।

उन्होंने कई हिट फिल्में भी दी, जिसमें 'आशिक', 'शूटआउट एट वडाला', 'दबंग', 'आर राजकुमार', 'सिंबा', 'सिंह इज किंग', 'हैप्पी न्यू ईयर' जैसी फिल्में शामिल है। साउथ से बॉलीवुड तक सोनू ने अपनी एक्टिंग से अलग पहचान बनाई है।

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Created On :   30 July 2024 11:50 AM IST

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