अपराध: झारखंड से युवाओं की ट्रैफिकिंग कर विदेशों में कराई जा रही साइबर स्लेवरी, दो एजेंट गिरफ्तार

कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संचालित हो रहे साइबर क्राइम स्कैम सेंटर्स में जबरन काम कराने के लिए अब झारखंड के युवाओं की ट्रैफिकिंग की जा रही है। युवाओं को आकर्षक नौकरी का प्रलोभन देकर जाल में फंसाया जाता है और इसके बाद उन्हें इन देशों में ले जाकर स्कैम सेंटर्स में साइबर स्लेवरी यानी जबरन काम करने को मजबूर किया जाता है।

रांची, 8 अगस्त (आईएएनएस)। कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संचालित हो रहे साइबर क्राइम स्कैम सेंटर्स में जबरन काम कराने के लिए अब झारखंड के युवाओं की ट्रैफिकिंग की जा रही है। युवाओं को आकर्षक नौकरी का प्रलोभन देकर जाल में फंसाया जाता है और इसके बाद उन्हें इन देशों में ले जाकर स्कैम सेंटर्स में साइबर स्लेवरी यानी जबरन काम करने को मजबूर किया जाता है।

झारखंड के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने एक ऐसे ही मामले का खुलासा करते हुए युवाओं को विदेश भेजने वाले और वहां उनसे साइबर स्लेवरी कराने वाले रैकेट के दो एजेंटों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार एजेंटों में गिरिडीह जिले का इसरी बाजार निवासी वसीम खान और कोडरमा जिले के जयनगर का निवासी यमुना कुमार राणा शामिल हैं।

इनके पास से लेन-देन से संबंधित पासबुक, चेकबुक, विदेश भेजे गए युवाओं के बायोडाटा, पासपोर्ट-वीजा की डिटेल्स, लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए हैं।

सीआईडी की ओर से बताया गया है कि इस रैकेट का मुख्य सेंटर कंबोडिया में है, जिसका संचालन चीन और भारत के साइबर क्रिमिनल्स कर रहे हैं। इस रैकेट के चंगुल से मुक्त हुए पीड़ितों की शिकायत पर रांची के साइबर क्राइम थाने में आईटी और इमिग्रेशन एक्ट सहित अपराध की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

पीड़ितों के मुताबिक, उन्हें कंबोडिया, थाईलैंड और लाओस में डाटा एंट्री का जॉब दिलाने वादा किया गया था। उनसे वीजा और टिकट के एवज में रकम वसूली गई और इसके बाद विदेश ले जाकर उनसे अमानवीय परिस्थितियों में जबरन काम कराया गया।

सीआईडी के अफसरों ने बताया कि यह रैकेट युवाओं को आकर्षक नौकरी का प्रलोभन देता है और इसके नाम पर उनसे वीजा और टिकट के लिए पैसे जमा करवाता है। ट्रैप में फंसे युवाओं को वियतनाम और थाईलैंड के रास्ते कंबोडिया भेजा जाता है। कंबोडिया में उन्हें स्कैम सेंटर में इन्वेस्टमेंट फ्रॉड और पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड के तौर-तरीकों की ट्रेनिंग दी जाती है। फिर, उन्हें व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाने और व्हाट्सएप चैट के जरिए लोगों को फांसने के काम में जबरन लगा दिया जाता है।

रैकेट में फंसे युवाओं के पासपोर्ट तक जब्त कर लिए जाते हैं और उन्हें वापस नहीं लौटने दिया जाता। सीआईडी ने कहा है कि साइबर स्लेवरी और ऐसे रैकेट के बारे में विभाग की मेल आईडी साइबरपीएस एट द रेट जेएचपुलिस डॉट गोव डॉट इन या मोबाइल नंबर 7004974707 पर संपर्क किया जा सकता है।

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Created On :   8 Aug 2024 7:24 PM IST

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