राष्ट्रीय: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी बसती हैं काकोरी की यादें

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी बसती हैं काकोरी की यादें
काकोरी कांड को शुक्रवार को 99 साल पूरे हो गये। काकोरी के साथ इस घटना का गवाह गोरखपुर भी रहा है जहां घटना की यादें आज भी जीवंत हैं।

गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), 9 अगस्त (आईएएनएस)। काकोरी कांड को शुक्रवार को 99 साल पूरे हो गये। काकोरी के साथ इस घटना का गवाह गोरखपुर भी रहा है जहां घटना की यादें आज भी जीवंत हैं।

काकोरी के पास नौ अगस्त 1925 को ट्रेन से सरकारी खजाना लूटने के मामले में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, मन्मथनाथ गुप्त, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी, सचिंद्रनाथ सान्याल, केशव चक्रवर्ती, मुरारीलाल, मुकुंदी लाल और बनवारी लाल आरोपी बनाए गए थे।

रामप्रसाद बिस्मिल को गोरखपुर जेल में रखा गया था। ट्रायल के बाद उनको 19 दिसंबर 1927 को फांसी दे दी गई। पंडित रामप्रसाद बिस्मिल के नाम पर जिला कारागार में एक खूबसूरत स्मारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से बना है। उनके जन्मदिन और शहादत के दिन बड़ी संख्या में पुष्पांजलि अर्पित करने लोग वहां जाते हैं।

इतिहासकार ने बताया कि अशफाक उल्ला खां भी काकोरी ट्रेन एक्शन के नायकों में से एक थे। उनको भी इसी केस में सजा-ए-मौत मिली थी। पंडित रामप्रसाद बिस्मिल से उनका बेहद याराना था। जेल से उन्होंने अशफाक को पत्र भी लिखा था। पत्र कुछ यूं था : "प्रिय सखा...अंतिम प्रणाम। मुझे इस बात का संतोष है कि तुमने संसार में मेरा मुंह उज्ज्वल कर दिया।.. जैसे तुम शरीर से बलशाली थे, वैसे ही मानसिक वीर और आत्मबल में भी श्रेष्ठ सिद्ध हुए।"

दशकों से गोरखपुर को नजदीक से कवर करने वाले पत्रकार गिरीश पांडेय ने कहा कि अशफाक उल्ला खां की स्मृति में गोरखपुर चिड़ियाघर का नामकरण उनके नाम पर किया गया है। मुख्यमंत्री जब भी यहां आते हैं बिस्मिल, अशफाक समेत काकोरी ट्रेन एक्शन के सभी नायकों का जिक्र जरूर करते हैं। पिछले साल मार्च में स्वतंत्रता संग्राम के नायक सचिंद्रनाथ सान्याल की गोरखपुर से जुड़ी यादों को जीवंत रखने तथा वर्तमान और भावी पीढ़ी की प्रेरणा के लिए सान्याल स्मारक का शिलान्यास भी सीएम योगी के हाथों से हो चुका है। यह स्मारक बनकर तैयार है और जल्द ही सीएम योगी इसका उद्घाटन करेंगे।

बता दें कि काकोरी केस के नायकों में से एक सचिंद्रनाथ सान्याल को 10 साल की सजा हुई थी। बाद में उन्होंने गोरखपुर को ही अपना घर बना लिया। उल्लेखनीय है कि जिस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर चौरी-चौरा शताब्दी वर्ष पर साल भर जंग-ए-आजादी के शहीदों की याद में कार्यक्रम चले, उसी तरह काकोरी ट्रेन एक्शन की याद में भी साल भर कार्यक्रम चलेंगे।

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Created On :   9 Aug 2024 6:40 PM IST

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