क्रिकेट: नरसिम्हा राव बर्थडे हैदराबाद के क्रिकेट लीजेंड, जिनके छात्र थे वीवीएस लक्ष्मण

नरसिम्हा राव बर्थडे हैदराबाद के क्रिकेट लीजेंड, जिनके छात्र थे वीवीएस लक्ष्मण
भारत के पूर्व क्रिकेटर एम. वी. नरसिम्हा राव का जन्म 1954 में हुआ था। नरसिम्हा राव का हैदराबाद के घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम है। वह हैदराबाद के दाहिने हाथ के मजबूत मध्यक्रम बल्लेबाज थे और एक ऐसे लेग स्पिन गेंदबाज थे, जो अपने हाई आर्म एक्शन से अच्छी टर्न और बाउंस हासिल करते थे। उनको प्यार से 'बोबजी' कहकर बुलाया जाता है।

नई दिल्ली, 11 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के पूर्व क्रिकेटर एम. वी. नरसिम्हा राव का जन्म 1954 में हुआ था। नरसिम्हा राव का हैदराबाद के घरेलू क्रिकेट में बड़ा नाम है। वह हैदराबाद के दाहिने हाथ के मजबूत मध्यक्रम बल्लेबाज थे और एक ऐसे लेग स्पिन गेंदबाज थे, जो अपने हाई आर्म एक्शन से अच्छी टर्न और बाउंस हासिल करते थे। उनको प्यार से 'बोबजी' कहकर बुलाया जाता है।

नरसिम्हा राव क्रिकेट में 70 और 80 के दशक तक सक्रिय रहे। रणजी ट्रॉफी में, राव दो दशकों तक हैदराबाद टीम के लिए एक मजबूत स्तंभ की तरह रहे। उन्होंने इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंड प्रदर्शनों में से एक किया था, जिसमें 47.40 की औसत के साथ 4124 रन, और 24.20 की औसत के साथ 218 विकेट शामिल हैं। कुछ समय के लिए वह आयरलैंड के लिए भी खेले। नरसिम्हा राव ने आयरलैंड में भी भारतीय परंपराओं को कभी नहीं छोड़ा था।

नरसिम्हा राव को ऐसी शख्सियत के तौर पर देखा जाता है जिन्होंने अपनी उपलब्धियों से ज्यादा टीम भावना पर ध्यान दिया। उन्होंने खुद एक बार कहा था कि उनके समय में हैदराबाद की टीम रणजी ट्रॉफी इसलिए जीत पाई थी, क्योंकि वह एक परिवार की तरह से थी। एक दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने कई बड़े खिलाड़ियों को कोचिंग दी, जिसमें से एक वीवीएस लक्ष्मण हैं। जो राव के प्रसिद्ध छात्रों में से एक कहे जा सकते हैं। भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर दिग्गज बल्लेबाज लक्ष्मण ने कहा था कि नरसिम्हा राव ने एक क्रिकेटर और एक इंसान के रूप में उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

लक्ष्मण ने बताया था कि चाहे वह दुनिया में कहीं भी खेलते थे, नरसिम्हा राव हमेशा उनके खेल को फॉलो करते थे और बताते थे कि वह कहां पर सुधार कर सकते हैं।

हालांकि, अपनी जबरदस्त प्रतिभा के बावजूद लक्ष्मण राव भारतीय क्रिकेट टीम के लिए केवल चार टेस्ट मैच ही खेल पाए थे। इन टेस्ट मैचों में मिले मौके का पर्याप्त फायदा नहीं उठा पाने के कारण उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर यहीं तक सीमित रहा। उन्होंने अपने 108 फर्स्ट क्लास मैच में 40.71 की औसत के साथ 4,845 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 30 अर्धशतक लगाए। वह गेंदबाजी में भी शानदार रहे, जहां उन्होंने 28.05 की औसत के साथ 245 विकेट लिए।

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Created On :   11 Aug 2024 10:23 AM IST

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