स्वास्थ्य/चिकित्सा: एमपॉक्स वायरस ने पाकिस्तान में दी दस्तक, सऊदी अरब से लौटा शख्स संक्रमित

एमपॉक्स वायरस ने पाकिस्तान में दी दस्तक, सऊदी अरब से लौटा शख्स संक्रमित
एमपॉक्स वायरस ने अब पाकिस्तान में दस्तक दे दी है। इसके मामले अभी तक अफ्रीका में ही मिले थे लेकिन अब पाकिस्तान में भी यह आ गया है। अफ्रीका के बाहर एमपॉक्स संक्रमण के पुष्ट मामले की रिपोर्ट करने वाला पाकिस्तान दूसरा देश है।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएएनएस)। एमपॉक्स वायरस ने अब पाकिस्तान में दस्तक दे दी है। इसके मामले अभी तक अफ्रीका में ही मिले थे लेकिन अब पाकिस्तान में भी यह आ गया है। अफ्रीका के बाहर एमपॉक्स संक्रमण के पुष्ट मामले की रिपोर्ट करने वाला पाकिस्तान दूसरा देश है।

पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, तीन मरीजों में एमपॉक्स संक्रमण पाया गया है। ये मरीज खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के निवासी हैं और हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से लौटे थे।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने उन लोगों की पहचान शुरू कर दी है जो उस व्यक्ति के निकट संपर्क में थे, जिनमें सऊदी अरब से आई उड़ान के साथी यात्री भी शामिल हैं।

यह वायरस संक्रमित पशुओं द्वारा मनुष्यों में फैल सकता है, लेकिन निकट शारीरिक संपर्क के माध्यम से भी एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैल सकता है। इस रोग के कारण बुखार, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर बड़े फोड़े जैसे घाव हो जाते हैं जो 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के कहर को देखते हुए इमरजेंसी घोषित कर दी है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने बताया है कि कई देशों में इससे जुड़े मामलों में तेजी देखने को मिल रही है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।

इसके साथ ही डब्‍ल्‍यूएचओ ने लोगों को अलर्ट रहने का भी निर्देश दिया है, ताकि आगे स्थिति और खराब न हो जाए।

गौरतलब है क‍ि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर किसी के संपर्क में आने से फैलती है। अब तक कई लोगों में इस तरह का संक्रमण देखा जा चुका है। यह एक तरह से फ्लू जैसी बीमारी है। इससे शरीर में मवाद से भरे दाने भी होते हैं।

इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए डब्लूएचओ ने तीन सालों में दूसरी बार इमरजेंसी की घोषणा की है। इससे पहले, 2022 में भी ऐसा देखने को मिला था। उस समय इस वायरस ने एक या दो नहीं, बल्कि 100 से भी अधिक देशों में अपना कहर दिखाया था। इससे 200 से भी ज्यादा लोगों की मौत उन दिनों हुई थी। यह वायरस मुख्य रूप से गे और बाइसेक्सुअल पुरुषों को प्रभावित करता है।

बता दें कि कांगो में अब तक 14 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसमें से 500 से ज्यादा लोगों की मौत भी हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि 15 साल से कम उम्र की लड़कियां भी इस वायरस का शिकार हो रही हैं, इसे ध्यान में रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल की घोषणा करने का फैसला किया है, ताकि स्थिति को और खराब होने से रोका जा सके।

एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है। यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित बीमारी होती है। इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई थी। इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई।

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Created On :   16 Aug 2024 4:32 PM IST

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