राजनीति: भाजपा का कोई उसूल नहीं, महाराष्ट्र में लागू कर नहीं पाए 'वन नेशन वन इलेक्शन' संदीप दीक्षित

भाजपा का कोई उसूल नहीं, महाराष्ट्र में लागू कर नहीं पाए वन नेशन वन इलेक्शन  संदीप दीक्षित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत से पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर बयानबाजी तेज हो चली है।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत से पहले 'वन नेशन वन इलेक्शन' नीति को लागू करने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर बयानबाजी तेज हो चली है।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने इस मुद्दे पर कहा कि, वन नेशन वन इलेक्शन तो महाराष्ट्र और हरियाणा में लागू कर नहीं पाए। महाराष्ट्र व‍िधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुत कम सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा क‍ि जहां इनको सूट करता है, वहां 'वन नेशन वन इलेक्शन' की बात करने लगते हैं और जहां सूट नहीं करता, वहां शांत हो जाते हैं।

आरक्षण को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर से दिये गए बयान पर उन्होंने कहा कि, वह उपराष्ट्रपति हैं, संवैधानिक पद पर हैं। इसलिए ज़्यादा कुछ नहीं कहना चाहिए, लेकिन वह एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिनको मैं कभी गंभीरता से नहीं लेता हूं। एक उपराष्ट्रपति के तौर पर मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति मेरे अंदर कोई गंभीरता का भाव नहीं है।

उन्होंने दिल्ली में नई सरकार के गठन को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री या काबीना के इस्तीफे से चुनाव जल्दी नहीं होते, क्योंकि उसके बाद राज्यपाल के पास यह मौका रहता है कि वह नई सरकार की संभावनाएं तलाश करें। अगर संभावनाएं तलाश करेंगे, तो वो विधानसभा को भंग किये ब‍िना राष्ट्रपति शासन भी लगा सकते हैं। जनवरी-फरवरी में विधानसभा भंग होना ही है। अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्दी चुनाव हो तो, इनको कैबिनेट की बैठक बुलानी चाहिए और व‍िधानसभा भंग करने का प्रस्‍ताव राज्यपाल के पास भेजना चाहि‍ए। अगर केजरीवाल चाहते हैं कि जल्द चुनाव हो, तो उन्हें नाटक करने की बजाय यह कदम उठाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी में केवल केजरीवाल है, बाकी सब उनके घरेलू नौकर है। किसी का कोई वजूद नहीं है। मेरे हिसाब से वह इस हिसाब से निर्णय लेंगे कि कौन ऐसा व्यक्ति आएगा, जो इनके भरोसे का हो, जो फाइल न निकलने दे। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार के जो सबूत हैंं, उसको दबा के रखें, जो इनके कहने पर काम करे, जिस कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर करना है, उस पर हस्ताक्षर कर दे। एक तरीके से इनका पिट्ठू बनकर वहां रहे। वो दिखाने के लिए तमाम औपचारिकता करेंगे। लेकिन यह सब नाटक है, इसका कोई अर्थ नहीं है। केवल समय खराब करने वाली बात है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   16 Sept 2024 6:43 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story