शिक्षा: आईआईटी दिल्ली और क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए साथ आए

आईआईटी दिल्ली और क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए साथ आए
ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए साथ आए हैं। दोनों विश्व की अग्रणी शिक्षण संस्थान, आईआईटी दिल्ली स्थित दिल्ली रिसर्च अकादमी के माध्यम से संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम छात्रों को ऑफर कर रहे हैं।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली एक संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए साथ आए हैं। दोनों विश्व की अग्रणी शिक्षण संस्थान, आईआईटी दिल्ली स्थित दिल्ली रिसर्च अकादमी के माध्यम से संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम छात्रों को ऑफर कर रहे हैं।

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, यह संयुक्त (ज्वाइंट) पीएचडी कार्यक्रम जनवरी 2025 से शुरू होगा। संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है।

दिल्ली रिसर्च अकादमी के अनुसार विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित, स्वास्थ्य देखभाल, मानविकी, सामाजिक विज्ञान की पृष्ठभूमि वाले असाधारण उम्मीदवारों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है। क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के साथ आयोजित किए जा रहे इस संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 3 अक्टूबर है।

आईआईटी दिल्ली ने मंगलवार को बताया कि पीएचडी कार्यक्रम के तहत दाखिला लेने वाले छात्र दोनों विश्व स्तरीय संस्थानों में समय बिताएंगे। कार्यक्रम के सफल समापन पर छात्रों को दोनों विश्वविद्यालयों से संयुक्त रूप से सम्मानित डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त होगी।

रिसर्च अकादमी का कहना है कि वह पीएचडी के लिए अपने छात्रों को एक उदार फेलोशिप, रिसर्च ट्रैवल ग्रांट और एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण में सपोर्ट करता है। इस नए कार्यक्रम से भारतीय छात्रों को दोनों संस्थानों की शैक्षणिक सुविधाओं और संसाधनों तक पहुंच प्राप्त होगी।

गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति इस प्रकार की संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों का समर्थन करती है। यूजीसी की नीतियों और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में इस प्रकार के व्यापक प्रावधान हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय कैंपस में मेधावी छात्रों को उनकी मेरिट के आधार पर स्कॉलरशिप देने का प्रावधान भी किया जा रहा है।

लंबे इंतजार के बाद यूजीसी ने भारत में विदेशी कैंपस स्थापित करने का रास्ता भी खोल दिया है। यह निर्णय यूजीसी काउंसिल की बैठक में लिया जा चुका है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फॉरेन यूनिवर्सिटीज के भारतीय कैंपस और यहां उनके परिचालन से जुड़े 'रेगुलेशन' भी लाए हैं।

यूजीसी के मुताबिक, यह रेगुलेशन भारतीय छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और इंग्लैंड समेत विभिन्न राष्ट्रों के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने भारत में कैंपस स्थापित करने को लेकर रुचि दिखाई है। ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और आईआईटी-दिल्ली ने इससे पहले भी एक साझेदारी के तहत संयुक्त पीएचडी प्रोग्राम शुरू किया है।

क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी और आईआईटी दिल्ली की ज्वाइंट (संयुक्त) पीएचडी में सौ से ज्यादा छात्रों ने दाखिला लिया था। इस पीएचडी कार्यक्रम के तहत भारतीय छात्र तीन साल भारत और कम से कम एक साल क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में बिताएंगे। जबकि, क्वींसलैंड के छात्र तीन साल ऑस्ट्रेलिया और एक साल आईआईटी दिल्ली में बिताएंगे।

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Created On :   17 Sept 2024 4:28 PM IST

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