संस्कृति: वडनगर सिर्फ पीएम मोदी का जन्मस्थान नहीं, भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन भी करता है यह शहर

वडनगर  सिर्फ पीएम मोदी का जन्मस्थान नहीं, भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन भी करता है यह शहर
वडनगर गुजरात के मेहसाना जिला में एक छोटा सा शहर है। यह न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान है बल्कि यहां भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के भी दर्शन होते हैं। एक ऐसी विरासत जो विविधता से परिपूर्ण है।

वडनगर, 17 सितंबर (आईएएनएस)। वडनगर गुजरात के मेहसाना जिला में एक छोटा सा शहर है। यह न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान है बल्कि यहां भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के भी दर्शन होते हैं। एक ऐसी विरासत जो विविधता से परिपूर्ण है।

वडनगर एक समय व्यापार का केंद्र हुआ करता था। यहां पर सबसे प्रमुख स्थलों में से एक श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर है जो अपनी उत्कृष्ट नक्काशी और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर का शांत वातावरण और आध्यात्मिक महत्व असंख्य भक्तों को आकर्षित करता है।

हाटकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी निरंजनभाई रावल ने बताया, "यह मंदिर करीब 2200 साल पहले बनाया गया था। साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वडनगर को पर्यटन क्षेत्र में तब्दील कर दिया था। 19 करोड़ रुपए देकर इस जगह का विकास किया गया है और अभी भी थोड़ा-थोड़ा काम चालू है। हाटकेश्वर महादेव ऐश्वर्य देने वाले हैं।"

शहर की भागदौड़ से दूर, एक शांत जगह है - शर्मिष्ठा झील। झील के पास ही एक खूबसूरत थीम पार्क है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत के रागों को समर्पित है।

झील से थोड़ी ही दूर पर, कीर्ति तोरण है जो वडनगर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने वाला एक अद्भुत वास्तुशिल्प है। 12वीं सदी में चालुक्य वंश के शासनकाल में बना यह तोरण, हिंदू देवी-देवताओं और पौराणिक कथाओं की नक्काशी से सजा हुआ है। गुजरात राज्य पुरातत्व विभाग ने सन् 2000 में खुदाई करके वडनगर में एक बौद्ध मठ के अवशेषों को खोज निकाला था, जो इस बात का संकेत है कि यह नगर बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। 1992 में जब वडनगर में बोधिसत्व की एक मूर्ति मिली, तो इससे इस शहर की पुरातात्विक विरासत और भी उजागर हुई थी।

आईआईटी खड़गपुर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, और अन्य संस्थानों के नेतृत्व में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं कि यहां 8वीं शताब्दी ईस्वी की शुरुआत से ही मानव बस्तियां थीं। अभी भी चल रही खुदाई से और भी इतिहास के पन्ने खुल रहे हैं। आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर अनिंद्य सरकार बताते हैं कि यहां एक संग्रहालय बनाया जा रहा है, जो इस शहर के 2,500 साल के सांस्कृतिक इतिहास को प्रदर्शित करेगा।

इसके अलावा यहां म्यूजियम, क्लॉक टावर और आर्ट गैलरी मिलकर वडनगर की तरक्की की कहानी दिखाते हैं। यहां आने वाले टूरिस्ट वडनगर के शानदार इतिहास और भारत की बड़ी कहानी के बारे में जान पाते हैं। म्यूजियम में अलग-अलग राजाओं और धर्मों के बारे में भी जानकारी मिलती है। एक खास जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन के बारे में भी बताती है।

म्यूजियम की गाइड पायल प्रजापति ने बताया, "यहां आर्ट गैलरी में दिखाया गया है कि कौन-कौन से धर्म यहां पर रह चुके हैं। यहां सोलंकी वंश का शासन रह चुका है। मल्हार राग पर जानकारी दी गई है। वडनगर के इतिहास की कई चीजों के साथ पीएम मोदी के बचपन की स्मृतियां पर यहां पर कैद हैं। उन्होंने कैसे अपना बचपन बिताया था।"

इस तरह से वडनगर न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मस्थान है बल्कि एक ऐसा महत्वपूर्ण शहर भी है जिसकी प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक वास्तुकला इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले पर्यटकों पर अमिट छाप छोड़ते हैं।

--आईएएएनएस

एएस/

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Created On :   17 Sept 2024 4:53 PM IST

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