राजनीति: पीएम मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ दरगाह में विशेष लंगर का आयोजन

पीएम मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ दरगाह में विशेष लंगर का आयोजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मंगलवार को देशभर में जश्न मनाया गया। मंगलवार-बुधवार की रात अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर विशेष लंगर का आयोजन किया गया। यह लंगर बादशाह अकबर द्वारा उपहार में दिए गए एक बड़े देग (बर्तन) में पकाया गया। लंगर के दौरान दरगाह के खादिम सैयद अफशान चिश्ती और सलमान चिश्ती मौजूद रहे।

अजमेर, 18 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मंगलवार को देशभर में जश्न मनाया गया। मंगलवार-बुधवार की रात अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर विशेष लंगर का आयोजन किया गया। यह लंगर बादशाह अकबर द्वारा उपहार में दिए गए एक बड़े देग (बर्तन) में पकाया गया। लंगर के दौरान दरगाह के खादिम सैयद अफशान चिश्ती और सलमान चिश्ती मौजूद रहे।

सैयद अफशान चिश्ती ने आईएएनएस को बताया कि अजमेर शरीफ दरगाह भारत में आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। यहां हर धर्म के लोग आते हैं। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी सभी धर्मों के लोग यहां दुआ मांगने आते हैं। भारत एक गुलदस्ता है। हर धर्म के लोग इस गुलदस्ते के फूल हैं। इसी तरह हमारा भारत एक परिवार है। इस परिवार के मुखिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह पर लंगर का आयोजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए यह दरगाह आस्था का केंद्र रहा है। वह पहले यहां चादर भेजकर चढ़ा चुके हैं। इसके अलावा वह यहां के जिम्मेदार व्यक्ति से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात भी कर चुके हैं।

सैयद अफशान चिश्ती ने कहा कि इस दरगाह के पास खड़े होकर हम देश के अमन-चैन की दुआ मांगते हैं। हम दुआ करते हैं कि हमारा देश तरक्की करे। देश में अमन-चैन और भाईचारा कायम रहे। हमारा देश पूरी दुनिया के लिए आध्यात्मिक केंद्र बनकर उभरे। हम प्रार्थना करते हैं कि भारत शांति का दूत बने और विश्व में फैली अशांति को शांत करने का काम करे।

वहां मौजूद सलमान चिश्ती ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन को सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाया जा रहा है और इसके लिए दरगाह में लंगर का आयोजन किया गया है। लंगर बनाने की प्रक्रिया मंगलवार रात 11 बजे शुरू हुई, जिसमें शुद्ध शाकाहारी मीठे चावल बनाए गए। सबसे पहले देग में पानी गर्म किया गया, उसके बाद उसमें हल्दी, चावल, चीनी, मेवे, केसर डालकर पकाया गया। इस लंगर को पकाने में करीब ढाई घंटे का समय लगा। सुबह करीब तीन बजे लंगर को देग से निकालकर स्टील के ड्रमों में भरकर महफिल खाने के बाहर दरगाह में आने वाले जायरीनों को खिलाया गया। इसके साथ ही लंगर को प्लास्टिक के डिब्बों में भरकर लोगों को दिया गया। यह लंगर आसपास रहने वाले लोगों, जायरीनों और गरीब लोगों में बांटा जाएगा।

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Created On :   18 Sept 2024 9:50 AM IST

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